दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता अलका लांबा पर आरोप तय करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि पहली नजर मे लांबा के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना सही है। यह मामला 2024 में जंतर-मंतर पर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर हमले से जुड़ा है।
राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) अश्वनी पंवार 29 जुलाई, 2024 को जंतर मंतर पर महिला आरक्षण के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान सड़क को जाम करने और पुलिस को रोकने के लिए कांग्रेस नेता के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई कर रहे थे।
एसीजेएम ने कहा, ‘अदालत की राय है कि अभियुक्त अलका लांबा के खिलाफ धारा 132/221/223(ए)/285 बीएनएस के तहत दंडनीय अपराधों के लिए प्रथम दृष्टया मामला बनता है। इसलिए अभियुक्त के खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश दिया जाता है।’
‘पत्नी से खर्चों का हिसाब रखने को कहना क्रूरता नहीं’, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
अदालत ने अलका लांबा की इस मामले में बरी होने की याचिका को भी खारिज कर दिया है।
क्या कहा अभियोजन पक्ष ने?
अभियोजन पक्ष के अनुसार, जंतर-मंतर रोड के आसपास के इलाके में निषेधाज्ञा लागू थी और संसद की ओर मार्च करने की इजाजत नहीं दी गई थी। पुलिस का आरोप है कि बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद, लांबा और अन्य प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की, संसद का घेराव करने के नारे लगाए, पुलिसकर्मियों को धक्का दिया और सड़क पर बैठकर उसे जाम कर दिया।
इस घटना के बाद पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी।
HIV पॉजिटिव होने पर बर्खास्त बीएसएफ कांस्टेबल की हो बहाली, दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला
अलका लांबा के वकील ने क्या कहा?
अलका लांबा के वकील इमरान अली ने तर्क दिया कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और एक ऐसे क्षेत्र में हुआ था, जहां सभा करने की अनुमति है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस मामले में कोई गवाह नहीं थे, चोटों को लेकर डॉक्टर की कोई रिपोर्ट नहीं थी और वीडियो में लांबा को किसी भी पुलिस अफसर पर हमला करते हुए नहीं दिखाया गया था।
अदालत ने गौर किया कि सुनवाई के दौरान चलाए गए वीडियो फुटेज में लांबा को प्रदर्शनकारियों को उकसाते हुए, पुलिस अफसरों को धक्का देते हुए, बैरिकेड्स फांदते हुए दिखाया गया है।
मजिस्ट्रेट ने कहा कि आरोपी ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ने और सार्वजनिक मार्ग को जाम करने के लिए दूसरों को उकसाने में अहम भूमिका निभाई।
इसलिए अदालत ने लांबा के खिलाफ आरोप तय करने की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया।
