राष्ट्रीय चयनकर्ता ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में होने वाली त्रिकोणीय एकदिवसीय श्रृंखला के अलावा अगले महीने से होने वाले विश्व कप के लिए कल जब यहां टीम का चयन करने के लिए बैठक करेंगे तो वे घरेलू सत्र में युवराज सिंह के शानदार प्रदर्शन पर गौर कर सकते हैं।

युवराज को पिछले साल चार दिसंबर को भारत के 30 संभावित खिलाड़ियों की सूची में शामिल नहीं किया गया था लेकिन रणजी ट्रॉफी में हरियाणा, महाराष्ट्र और सौराष्ट्र के खिलाफ लगातार तीन शतक जड़कर उन्होंने अपनी उम्मीदवारी जता दी है।

युवराज को 2011 विश्व कप में मैन ऑफ द सीरीज चुना गया था जिसे भारत ने जीता था। बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने 293 वनडे मैचों में 8000 से अधिक रन बनाए हैं। कंधे में चोट के कारण रिहैबिलिटेशन से गुजर रहे रविंद्र जडेजा की फिटनेस पर सवालिया निशान के कारण चयनकर्ता जब टीम का चयन करेंगे तो युवराज का नाम निश्चित तौर पर चर्चा के लिए आएगा।

गुजरात के अक्षर पटेल का टीम में चुना जाना लगभग तय है जो जडेजा के विकल्प के तौर पर पहले ही ऑस्ट्रेलिया भेजे जा चुके हैं। हालांकि काफी कुछ चयनकर्ताओं के अलावा कप्तान धोनी और कोच डनकन फ्लेचर पर भी निर्भर करेगा कि वे युवराज की वापसी को समझदारी भरा फैसला मानते हैं या नहीं।

युवराज छोटे प्रारूप में खुद को साबित कर चुके हैं लेकिन 33 बरस का यह बल्लेबाज 2014 में भारत की किसी भी टीम का हिस्सा नहीं रहा है। जडेजा के हालांकि आस्ट्रेलिया में होने वाली त्रिकोणीय श्रृंखला तक फिट होने की संभावना नहीं है और ऐसे में युवराज के चुने जाने की संभावना बढ़ गई है।

क्रिकेट बोर्ड को हालांकि उम्मीद है कि जडेजा 14 फरवरी से 29 मार्च तक ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में होने वाले विश्व कप से पहले पूर्ण फिटनेस हासिल कर लेंगे।

बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने चयन बैठक से पहले कहा, ‘‘हमारे आकलन के अनुसार जडेजा ट्रेनिंग और बायें हाथ से थ्रो सात जनवरी तक शुरू कर सकता है।’’ सौराष्ट्र का यह क्रिकेटर फिलहाल चेन्नई मे रिहैबिलिटेशन से गुजर रहा है।

बीसीसीआई के सूत्रों के मुताबिक आईसीसी का नियम भी चयनकर्ताओं को अपना मन बदलने और शुरुआत में संभावित खिलाड़ियों में शामिल नहीं रहे खिलाड़ी को चुनने से नहीं रोकता। चयनकर्ताओं को इसके अलावा भुवनेश्वर कुमार पर भी फैसला करना होगा जो चोट के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट श्रृंखला के पहले तीन मैचों में नहीं खेल पाए हैं।

इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और उमेश यादव को विश्व कप टीम में शामिल किया जा सकता है जबकि अब तक काफी महंगे साबित हुए वरुण आरोन को टीम में जगह मिलना मुश्किल है। भुवनेश्वर के कवर के तौर पर ऑस्ट्रेलिया में मौजूद मुंबई के तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी, कर्नाटक के ऑलराउंडर स्टुअर्ट बिन्नी और तेज गेंदबाज आर विनयकुमार भी टीम में जगह बनाने की उम्मीदवारी पेश करेंगे।

बल्लेबाजी में मुरली विजय को टीम में शामिल किया जा सकता है क्योंकि टेस्ट मैचों में पारी की शुरुआत करते हुए उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है और अगर चयनकर्ताओं को लगता है कि खराब फॉर्म से जूझ रहे शिखर धवन इन हालात में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे तो विजय का दावा मजबूत हो जाएगा।

विजय का दावा इसलिए भी मजबूत है कि वनडे में पारी की शुरुआत करने वाले दूसरे बल्लेबाज रोहित शर्मा भी ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैचों में नाकाम रहे हैं। रोहित के दावे को नजरअंदाज करना हालांकि आसान नहीं होगा विशेषकर यह देखते हुए कि उन्होंने घरेलू सरजमीं पर श्रीलंका के खिलाफ पिछली वनडे श्रृंखला में 264 रन की विश्व रिकॉर्ड पारी खेली थी।

दूसरे सलामी बल्लेबाज के तौर पर अजिंक्य रहाणे का चुना जाना लगभग तय है। विराट कोहली, मौजूदा दौरे पर अब तक टेस्ट मैच नहीं खेलने वाले सुरेश रैना और अंबाती रायुडू को मध्यक्रम में जगह मिल सकती है जबकि इनके बाद धोनी का नंबर आएगा।

आक्रामक बल्लेबाज रोबिन उथप्पा को टीम में शामिल किया जा सकता है जो विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका में हो सकते हैं। श्रीलंका के खिलाफ वनडे टीम में शामिल अमित मिश्रा को भी मौका मिल सकता है विशेषकर यह देखते हुए कि एडिलेड में पहले टेस्ट में स्पिनर की अनुकूल पिच पर कर्ण शर्मा नाकाम रहे थे।

श्रीलंका के खिलाफ सभी वनडे खेलने वाले और मौजूदा दौरे पर टेस्ट टीम में शामिल ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का चुना जाना भी लगभग तय है। सीनियर ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह और परवेज रसूल घरेलू टूर्नामेंट में अब तक शानदार प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं और ऐसे में संभवत: ये दोनों अश्विन के स्थान को चुनौती नहीं दे पाएंगे।