खेल मंत्रालय ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) पर लगा निलंबन वापस ले लिया, जिससे घरेलू प्रतियोगिताओं के आयोजन और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए राष्ट्रीय टीमों के चयन का रास्ता साफ हो गया। मंत्रालय ने अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप की जल्दबाजी में घोषणा करने के कारण 24 दिसंबर, 2023 को डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था।

संजय सिंह को मिली डब्ल्यूएफआई की कमान

संजय सिंह के नेतृत्व वाली समिति ने 21 दिसंबर, 2023 को डब्ल्यूएफआई का चुनाव जीता था, लेकिन पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के गढ़ गोंडा के नंदिनी नगर में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए स्थल के चयन से सरकार नाराज थी। मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि डब्ल्यूएफआई ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं, इसलिए उसने निलंबन हटाने का फैसला किया है।

खेल मंत्रालय के पत्र में रखी गई शर्तें

पत्र में लिखा, “स्पॉट सत्यापन समिति के निष्कर्षों, डब्ल्यूएफआई द्वारा किए गए अनुपालन उपायों और भारतीय खेलों और एथलीटों के व्यापक हित में, युवा मामले और खेल मंत्रालय 24.12.2023 के समसंख्यक आदेश द्वारा जारी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निलंबन को रद्द करता है और निम्नलिखित निर्देशों के साथ कुश्ती के लिए राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के रूप में इसकी मान्यता तत्काल प्रभाव से बहाल करता है।”

पत्र में लिखा गया, ‘डब्ल्यूएफआई को निलंबन अवधि के दौरान किए गए संशोधनों को वापस लेना होगा और नामित पदाधिकारियों के बीच शक्ति का संतुलन रखना होगा और निर्णय लेने की प्रक्रिया में नियंत्रण और संतुलन प्रदान करना होगा। यह प्रक्रिया 4 सप्ताह में पूरी होनी चाहिए।’

खेल मंत्रालय ने साथ ही यह भी साफ किया कोई ऐसा व्यक्ति जो कि फेडरेशन का हिस्सा नहीं है उसे अलग रहना होगा। उन्होंने पत्र में लिखा, “कोई भी व्यक्ति जो पदाधिकारी के रूप में निर्वाचित नहीं है, साथ ही डब्ल्यूएफआई के निलंबित/समाप्त वेतनभोगी अधिकारियों को महासंघ और इसकी संबद्ध इकाइयों से पूरी तरह से अलग रहना चाहिए। डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी समिति को 4 सप्ताह के भीतर इस संबंध में एक वचन देना होगा। वचन का कोई भी उल्लंघन उचित कानूनी कार्रवाई को आमंत्रित करेगा, जिसमें खेल संहिता के तहत कार्रवाई भी शामिल है।’