खेल मंत्रालय के रेसलिंग फेडरेशन को सस्पेंड करने के बाद एक बार फिर भारतीय ओलंपिक संघ ने तदर्थ समिति (Ad-hoc) का गठन किया है। यही समिति अब फेडरेशन का कामकाज देखेगी। इस कमेटी का चेयरमैन भारतीय वुशु संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह बाजवा को बनाया गया है जो कि पिछली बार भी इस समिति की चेयरमैन थे। खेल मंत्रालय ने फेडरेशन को सस्पेंड करने के बाद भारतीय ओलंपिक संघ से कुश्ती संघ का कामकाज देखने के लिए एक तदर्थ समिति बनाने को कहा था।

समिति में शामिल ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट

बाजवा के अलावा पूर्व हॉकी कप्तान और ओलंपिक गोल्ड (1980 मॉस्को ओलंपिक) मेडलिस्ट एमएम सोम्या और पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी मंजुशा कंवर को भी समिति का सदस्य बनाया गया है। आने वाले समय में रेसलिंग को लेकर सभी बड़े फैसले यही समिति करेगी। इसी साल अप्रैल के महीने में भी पहलवानों के धरने के बीच आईओए ने एक तदर्थ समिति का गठन किया था। तब भी भूपेंदर सिंह बाजवा इसके अध्यक्ष थे। उस समय के राइफल कोच सुमा शिरूर के अलावा हाई कोर्ट के एक रिटायर जज भी इस समिति का हिस्सा थे।

आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘आईओए को हाल ही में पता चला है कि नए अध्यक्ष और डब्ल्यूएफआई के अधिकारियों ने अपने स्वयं के संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए और आईओसी द्वारा समर्थित सुशासन के सिद्धांतों के खिलाफ मनमाने फैसले किए हैं। इसके अलावा उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना आईओए द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति के फैसलों को पलट दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आईओए निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने और आईओसी के अनुसार खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करने और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए शासन मानदंडों के पालन को महत्वपूर्ण मानता है इसलिए एक तदर्थ समिति नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है।’’ 

तदर्थ समिति देखेगी सारे काम

ओलंपिक संघ के आधिकारिक बयान के मुताबिक यह समिति रेसलिंग फेडरेशन का सारा कामकाज देखेगी। इसमें खिलाड़ियों के सेलेक्शन, अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में उनकी एंट्री, राष्ट्रीय स्तर पर टूर्नामेंट्स का आयोजन, बैंक अकाउंट्स हैंडल करना और वेबसाइट मैनेज करने जैसे काम शामिल हैं।

खेल मंत्रालय ने किया था रेसलिंग फेडरेशन को सस्पेंड

खेल मंत्रालय के मुताबिक नवनिर्वाचित संस्था ने उचित प्रकिया का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की थी। मंत्रालय ने साथ ही कहा कि नई संस्था ‘पूरी तरह से पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण’ में काम कर रही थी जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं है।