Sakshi Malik on Sexual Harassment: बीते 10 दिन से धरने पर बैठे पहलवानों की लगातार अपील के बाद रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई । रियो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली साक्षी मालिक ने बताया कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब पहलवानों ने यौन शोषण की एफआईआर दर्ज की है। इससे पहले भी यौन शोषण को लेकर एफआईआर हो चुकी है लेकिन उसका कुछ हो नहीं पाया था।

2012 में भी दर्ज कराई गई थी एफआईआर

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए साक्षी ने बताया कि साल 2012 में स्कूल की बच्चियों ने लखनऊ में एफआईआर दर्ज कराई थी लेकिन 24 घंटे में सब गायब हो गया। साक्षी ने कहा, ‘साल 2012 में लखनऊ में जूनियर खिलाड़ियों के लिए नेशनल कैंप का आयोजन किया गया था। यहां 5-7 स्कूल की लड़कियों ने यौन शोषण के लिए एफआईआर दर्ज की गई लेकिन 24 घंटे में सारा मामला सुलझा लिया गया और शिकायत गायब हो गई थी।’

बृजभूषण ने ताकत से दबा दिया केस

इस रेसलर का मानना है कि बृजभूषण सिंह ने अपनी ताकत के दम पर केस को दबाया था। साक्षी ने आगे कहा, ‘साल 2014 में परमजीत मलिक नेशनल कैंप में गीता फोगाट के साथ काम कर रहे थे। परमजीत की पत्नी भी रेसलर थी और उसी कैंप का हिस्सा थीं। परमजीत और उनकी पत्नी ने इस बारे में आवाज उठाई तो दोनों को कैंप से बाहर कर दिया गया और उसके बाद से परमजीत की पत्नी किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पाई।’

पहलवानों को लगता था डर

परमजीत ने खुद भी ये बात मानी और कहा कि वो निगरानी समिति (ओवरसाइट कमेटी) के सामने सबकुछ बता चुके हैं। साक्षी के मुताबिक बृजभूषण के रसूख के कारण ही खिलाड़ी इतने सालों तक चुप रहे। उन्होंने कहा, ‘यही कारण है कि हम इतने समय से चुप थे। हम रेसलिंग करना चाहते थे और अपना करियर बचाना चाहते थे। हम अपनी आवाज उठाने की हिम्मत नहीं कर पाते थे लेकिन आज हम उस स्तर पर हैं जहां बाकी खिलाड़ियों के लिए बोल सकते हैं।