रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर ने रविवार को महिला प्रीमियर लीग के फाइनल में दिल्ली कैपिटल्स को तीन गेंद रहते आठ विकेट से हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया। टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी दिल्ली कैपिटल्स की टीम 18.3 ओवर में 113 रन पर सिमट गयी। आरसीबी ने 19.3 ओवर में दो विकेट 115 रन बनाकर ट्राफी जीती। ऋचा घोष के बल्ले से विजयी चौका निकला जिसने आरसीबी फैंस का इंतजार खत्म किया।
दिल्ली में छाई आरसीबी
अरुण जेटली स्टेडियम में आरसीबी-आरसीबी का शोर था। आरसीबी के खिलाड़ियों के चेहरे पर खुशी और कप्तान स्मृति मंधाना की आंखो में टीम के खिलाड़ियों के लिए गर्व दिखाई दे रहा था। हालांकि एक हफ्ता पहले इसी मैदान पर माहौल कुछ और था।
7 दिन पहले दिल्ली ने तोड़ा था दिल
पिछले रविवार को दिल्ली कैपिटल्स और आरसीबी के बीच अरुण जेटली स्टेडियम में ही लीग राउंड का मुकाबला खेला गया था। दिल्ली कैपिटल्स ने वह मैच एक रन से जीता था। आखिरी ओवर में ऋचा घोष और श्रेयंका पाटिल क्रीज पर थी। ऋचा ने इस मैच में 51 रन की पारी खेली थी लेकिन टीम को जीत नहीं दिला पाई थी।
यह दर्द उनकी आंखों में नजर आ रहा था। वह मैच हारते ही जमीन पर बैठ गई रोने लगी थीं। उनके लिए आंसू रोकना मुश्किल हो रहा था। दिल्ली कैपिटल्स के खिलाड़ियों ने आकर उन्हें संभाला था। कप्तान स्मृति मंधाना भी ऋचा को गले लगाकर उन्हें संभालती हुई दिखाई दी थी।
ऋचा के बल्ले से निकला विजयी चौका
रविवार को फाइनल मैच में ऋचा घोष जब बल्लेबाजी करने आई तब आरसीबी 113 रनों के लक्ष्य के जवाब में 82 रन बना चुकी थी। यहां से ऋचा घोष ने एलिस पेरी का साथ दिया। ऋचा घोष ने मैच के बाद बताया कि वह घबरा रही थी लेकिन पेरी ने उनका हौंसला बढ़ाया। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने घोष से शॉट्स पर ध्यान देने को कहा और उन्होंने ऐसा ही किया। 19वें ओवर की तीसरी गेंद पर घोष ने चौका लगाया और दिल्ली से उस पुरानी हार का बदला लिया। इसके साथ ही आरसीबी को ट्रॉफी भी दिला दी।