कोई नहीं जानता था कि एक ऐसी आपदा से हमारा सामना होगा जिससे भारत ही नहीं पूरी दुनिया मानो ठहर सी जाएगी। विश्व भर के खेल टूर्नामेंट कोरोना विषाणु के कारण रद्द कर दिए गए या टाल दिए गए हैं। ओलंपिक को भी एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। सभी खिलाड़ियों के लिए यह चुनौती के साथ अपनी तैयारी को पुख्ता करने का बेहतरीन अवसर है। हमें विश्वास है कि जल्द ही ये काले बादल छट जाएंगे और एक नया सवेरा होगा। उक्त बातें अपने वजन वर्ग में दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघाल ने कही।
हरियाणा के रोहतक जिले के मायना निवासी अमित फिलहाल पूर्णबंदी के कारण कैंप से लौटकर अपने घर में हैं। पर्याप्त सुविधा न होने के बाद भी उन्होंने अपना अभ्यास जारी रखा है। वे बताते हैं कि कैंप और घर के अभ्यास में थोड़ा अंतर है। कैंप के दौरान हमें एक साथी मिलता है जिसके साथ हम अभ्यास करते हैं। घर पर ये सुविधा नहीं होती। अभी मैं तकनीकी पहलुओं से ज्यादा अपनी ताकत बढ़ाने पर काम कर रहा हूं। मैं गांव के ही एक वरिष्ठ मुक्केबाज के साथ थोड़ी बहुत पंचिंग की प्रैक्टिस कर रहा हूं। हालांकि उनका वजन वर्ग अलग है इसलिए सामान्य अभ्यास पर ही फोकस है।
तैयारी के लिए भरपूर वक्त मिलेगा
तोक्यो ओलंपिक के एक साल टलने को एक बेहतरीन अवसर बताते हुए अमित कहते हैं कि खिलाड़ियों के लिए किसी प्रतियोगिता का रद्द होना या उसकी तारीख बढ़ना बहुत मायने नहीं रखता। वह हमेशा खेलने को तैयार होता है। मैं भी तैयार हूं। ओलंपिक चाहे जब भी हो, मुझे उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ देना है। पूर्णबंदी के कारण हमारे पास तैयारी के लिए मौके बढ़ गए। अभी कैंप नहीं हो रहा तो मैं अपनी फिटनेस पर ध्यान दे रहा हूं जब दोबारा यह चालू हो जाएंगे तो तकनीकी पहलुओं पर भी काम करूंगा।
खेल मंत्री किरन रिजीजू ने कहा है कि वे ओलंपिक क्वालीफाई कर चुके खिलाड़ियों के लिए जल्द ही मैदान पर अभ्यास की सुविधा चालू कराएंगे। इस पर अमित ने कहा कि शीर्ष खिलाड़ियों से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि जैसे ही पूर्णबंदी समाप्त होती है या कुछ ढील दी जाती है, खिलाड़ियों को अपने-अपने कैंप तक पहुंचाया जाएगा। वे बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि कैंप 17 मई के बाद से ही शुरू हो जाएं।
सामने कोई भी हो जीत हमारी होगी
ओलंपिक के लिए भारत के नौ मुक्केबाजों ने टिकट हासिल किया है। पंघाल ने कहा कि अभी कुछ क्वालीफायर बाकी हैं और मुझे लगता है कि दो-तीन मुक्केबाज अभी और क्वालीफाई करेंगे। 57 किग्रा वर्ग में कविंदर सिंह बिष्ट पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि वे अगर क्वालीफाई करते हैं तो भारत के लिए पदक जीत सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी जो खिलाड़ी क्वालीफाई कर चुके हैं वे किसी भी मामले में अन्य देशों के मुक्केबाजों से कम नहीं हैं। आज भारत की मुक्केबाजी में स्थिति काफी मजबूत है और हमारा हर खिलाड़ी शक्तिपुंज देश कहे जाने वाले देश के खिलाड़ियों को किसी न किसी प्रतियोगिता में हरा चुका है। मेरा मानना है कि हम इतिहास रचने के काफी करीब हैं।
अमित से जब पूछा गया कि ओलंपिक में किस देश के मुक्केबाजों से मुख्य चुनौती मिलेगी तो उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि क्यूबा, अमेरिका और उज्बेकिस्तान जैसे देशों के मुक्केबाज काफी प्रतिद्वंद्वी होते हैं लेकिन भारतीय भी इस बार कम नहीं हैं। हमारे यहां का चौथे और तीसरे नंबर का मुक्केबाज भी पहले नंबर के मुक्केबाज को कड़ी चुनौती देता है तो फिर इनमें से जो एक नंबर होगा और ओलंपिक पहुंचेगा उसका लेवल क्या होगा, आप समझ सकते हैं। हमें किसी भी मुक्केबाज के सामने खड़ा किया जाए, हमारा लक्ष्य पदक होगा और हम उसे हासिल करेंगे।

