D Gukesh Profile, Career, Achievements In Hindi: भारत के 18 साल के शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश ने इतिहास रच दिया। यह खिलाड़ी अब शतरंज का सरताज है। चीनी खिलाड़ी और गत चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर गुकेश दुनिया के सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बने हैं। गुकेश ने इस साल जिस भी चैंपियनशिप में हिस्सा लिया उन्होंने वहां झंडे गाड़ दिए। चाहे वह कैंडिडेट्स हो, चेस ओलंपियाड हो या फिर वर्ल्ड चैंपियनशिप।
गुकेश ने लगाई हैट्रिक
गुकेश इसी साल कैंडिडेट्स जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने। इसके बाद भारत को पहली बार चेस ओलंपियाड गोल्ड दिलाने में अहम भूमिका निभाई और बोर्ड 1 के गोल्ड मेडलिस्ट रहे। अब वह वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले सबसे युवा खिलाड़ी हैं। चेस के लिए स्कूल छोड़ देने वाले गुकेश के लिए यह अहम पल है। उनके लिए पिता के लिए भी जिन्होंने बेटे के भविष्य के लिए अपना करियर दांव पर लगा दिया।
गुकेश चौथी कक्षा के बाद नहीं गए स्कूल
डी गुकेश उसी स्कूल से ताल्लुक रखते हैं जहां से देश को विश्वनाथान आनंद जैसे खिलाड़ी मिले हैं। गुकेश ने अपने ही स्कूल में पढ़ने वाले और ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानंद को देखकर चेस खेलना शुरू किया था। उस समय प्रज्ञानंद अंडर 10 चैंपियन थे। प्रज्ञानंद की तरह ही गुकेश ने भी छोटी ही उम्र में यह तय कर लिया था कि अब शतरंज ही उनकी जिंदगी है। इसी कारण उन्होंने चौथी कक्षा के बाद रेगुलर स्कूल जाना छोड़ दिया और पूरी तरह चेस पर ध्यान दिया। गुकेश के सपने के लिए उनके माता-पिता ने भी अपना सबकुछ झोंक दिया।
पिता ने दांव पर लगाया करियर
गुकेश के पिता इएनटी सर्जन है। छोटी उम्र में गुकेश के साथ वही हर टूर्नामेंट में जाते थे। वह महीने के 15 दिन गुकेश के साथ सफर करते और बाकी 15 दिन सर्जरी करते। गुकेश के साथ लगातार सफर करने का असर उनके करियर पर भी हुआ। हालांकि वह बेटे के लिए सबकुछ करने को तैयार थे।
गुकेश की उपलब्धियां
गुकेश के करियर में सबसे अहम सफलता उन्हें मिली जब वह महज 8 साल के थे। उन्होंने अंडर9 में एशियन स्कूल चैंपिनयशिप जीती और फिर 2018 में अंडर 12 कैटेगरी में वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप का खिताब भी अपने नाम किया। 2018 में ही एशियन यूथ चैंपियनशिप में उन्होंने पांच गोल्ड मेडल जीते।
साल 2019 में 12 साल सात महीने की उम्र में ग्रैंडमास्ट बने। वह उस समय के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर थे। साल 2022 में वह मैग्नस कार्लसन को हराने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे। उसी साल एमचेस रेपिड टूर्नामेंट में वर्ल्ड चैंपियन बने। वह पिछले साल वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे।