भारत के 18 साल के डी गुकेश वर्ल्ड चेस चैंपियन बनने के बाद करीब पहुंच गए हैं। सिंगापुर में जारी वर्ल्ड चैंपियनशिप के 11वें मुकाबले में गुकेश ने चीनी प्रतिनिद्वंदी डिंग लिरेन को मात देकर पहली बार चैंपियनशिप में लीड हासिल कर ली है। 11वें दौर में गत चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर एक अंक की बढ़त बना ली। वह 6-5 से आगे हो गए हैं।
डी गुकेश का शानदार खेल
भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने सफेद मोहरों से खेलते हुए बेहतरीन खेल का नजारा पेश किया। गुकेश और लिरेन दोनों पर समय का दबाव था। चीन के खिलाड़ी ने इस दबाव में गलतियां की जिसका फायदा उठाकर गुकेश ने प्रतियोगिता में अपनी दूसरी जीत हासिल की। गुकेश की जीत लगातार सात और कुल मिलाकर आठ ड्रॉ के बाद आई है।
लिरेन ने जीत से की थी शुरुआत
लिरेन ने इस प्रतियोगिता में शुरुआती बाजी जीतकर बढ़त बनाई थी लेकिन गुकेश ने तीसरी बाजी जीत कर मुकाबले को बराबरी पर ला दिया था। इसके बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच लगातार सात बाजियां ड्रॉ रही थी।
क्या है फॉर्मेट?
यह चैंपियनशिप क्लासिकल प्रारूप में खेली जा रही है। कुल मिलाकर दोनों के बीच 14 मैच खेले जाने हैं। जो भी खिलाड़ी पहले 7.5 अंक हासिल करेगा वही वर्ल्ड चैंपियन बनेगा। अब केवल तीन बाजियां खेली जानी बाकी हैं। अगर गुकेश बचे हुए तीनों मैच ड्रॉ भी करा लेते हैं तब भी वह जीत जाएंगे। अगर 14 मैच बाद स्कोर बराबर हो जाता है तो मैच टाई ब्रेकर में जाएगा।
टाई ब्रेकर के नियम
टाई ब्रेकर में सबसे पहले रैपिड मैच होते हैं। इसमें चार गेम होते हैं। हर मैच 15 मिनट का होता है। वहीं 10 सेकंड का इंक्रीमेंट मिलता है। जो भी पहले 2.5 पॉइंट हासिल करता है वह जीत जाता है।
अगर रैपिड भी ड्रॉ होता है तो फिर मिनी रैपिड मैच होता है। इसमें 10-10 मिनट के 2 मैच खेले जाते हैं। इसमें पांच सेकंड का इंक्रीमेंट होता है। जो भी पहले 1.5 पॉइंट हासिल करता है वह जीत जाएगा।
अगर मिनी रैपिड भी टाई होता है तो फिर ब्लिट्स मैच और ब्लिट्स टाई होने पर सडन ब्लिट्स मैच होता है।
