बॉक्सिंग बोले तो मुहम्मद अली। यही नाम याद है न। लेकिन बॉक्सिंग सिर्फ पंच और मो. अली तक सीमित नहीं है। यहां और भी कई बड़े नाम हुए हैं। उन्हीं में से एक हैं ‘डॉ स्टीलहैमर’। असली नाम व्लादिमीर क्लिसचको ( Wladimir Klitschko) है। यूक्रेन मूल के बॉक्सर थे। रिंग में अपोनेंट को भूत बना देते थे।
Great to be back at camp again. #NowMoreThanEver
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चर्चा में इसलिए हैं क्योंकि आज का दिन न तो वह भूलेंगे और न ही उनके लाखों फैंस। जी हां, तीन अगस्त 2017 ही वह तारीख है, जब उन्होंने बॉक्सिंग को अलविदा कहा। अब वह दोबारा रिंग में अपना रंग दिखाते नहीं दिखेंगे।
अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया पर सूचना दी। बॉक्सिंग को अलविदा कहने की। मतलब अंथनी जोशुआ के साथ पहले से नियोजित मैच नहीं होगा। अब जोशुआ का मुकाबला आईबीएफ मैंडेट्री चैलेंजर कुबरात प्यूलेव से होगा।
व्लादीमिर 25 मार्च 1976 को जन्मे थे। उनके बड़े भाई भी बॉक्सर थे। दोनों कजाखिस्तान में एक सोवियत हेलीकॉप्टर पायलट के यहां पैदा हुए थे। बड़े भाई को अमेरिकी कराटे फिल्म से किक बॉक्सिंग का चस्का लग गया। इसके बाद वह भी बॉक्सिंग में आ गए।
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1996 ओलंपिक्स में यूक्रेन का प्रतिनिधित्व किया और सुपर हेवीवेट डिविजन में गोल्ड जीता। करियर में 69 खेलीं। 64 जीतीं, जिसमें 53 नॉक आउट (केओ) से जीत हासिल कीं।
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चूंकि भाई भी बॉक्सर थे, इसलिए फैंस दोनों के बीच मैच देखना पसंद करते थे। इसी से जुड़ा रोचक किस्सा है। एक डॉक्यूमेंट्री में वह बताते हैं कि दोनों भाई आपस में न लड़ें इसके लिए मां ने उन्हें वादा दिलाया था। उन्होंने कहा था कि तुम लोग फैंस के लिए कभी नहीं लड़ोगे। आगे कहते हैं, एक बिलियन डॉलर के लिए भी वह भाई से नहीं लड़ेंगे। आप मां के दिल की कीमत पर बोली नहीं लगा सकते।
व्लादीमिर की रिंग के बाहर की दुनिया की बात करें, तो वह पीएचडी होल्डर हैं। कीव यूनिवर्सिटी से। खाली वक्त में चेस और गोल्फ खेलना पसंद करते हैं। यही नहीं, वह ‘ओशियंस इलेवेन’ फिल्म में भी कैमियो रोल निभा चुके हैं।
