विश्व के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने पहला सेट गंवाने के बाद शानदार वापसी करके रविवार यानी 11 जुलाई 2021 की रात विम्बलडन मेन्स सिंगल्स का खिताब जीत लिया। उन्होंने लंदन में खेले गए टूर्नामेंट के फाइनल में मैटियो बेरेटिनी को हराकर रोजर फेडरर और राफेल नडाल के 20 ग्रैंडस्लैम खिताब के रिकॉर्ड की बराबरी भी की।

जोकोविच ने तीन घंटे 23 मिनट तक चले फाइनल में इटली के सातवें वरीय बेरेटिनी को 6-7 (4), 6-4, 6-4, 6-3 से पराजित किया। यह उनका विंबलडन में लगातार तीसरा और कुल छठा खिताब है। इस जीत से जोकोविच ने 20 ग्रैंडस्लैम खिताब के फेडरर और नडाल के रिकार्ड की बराबरी की। जोकोविच ने नौ बार ऑस्ट्रेलियाई ओपन, तीन बार यूएस ओपन में तीन और फ्रेंच ओपन खिताब जीते हैं। विम्बलडन की ट्रॉफी अपने नाम करने के साथ ही जोकोविच ने 52 साल पहले रॉड लेवर द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड की बराबरी की।

नोवाक 1969 के बाद एक कैलेंडर वर्ष में तीन ग्रैंड स्लैम जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले 1969 में रॉड लेवर ने यह उपलब्धि अपने नाम की थी। यही नहीं, सर्बिया के 34 वर्षीय नोवाक जोकोविच अब एक कैलेंडर वर्ष में चारों ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने की राह पर है। आखिरी बार रॉड लेवर ने ही 1969 में यह करिश्मा किया था।

यह जोकोविच का 30वां ग्रैंडस्लैम फाइनल था। केवल फेडरर (31 फाइनल) उनसे आगे हैं। सातवीं वरीयता प्राप्त बेरेटिनी का यह पहला ग्रैंडस्लैम फाइनल था। इस फाइनल की एक और विशेषता यह थी मारिजा सीसैक चेयर अंपायर थी। पुरुष फाइनल में अंपायरिंग करने वाली वह पहली महिला बनीं।

भारतवंशी समीर बनर्जी ने जीती बॉयस सिंगल्स की ट्रॉफी

वहीं, भारतीय मूल के अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी समीर बनर्जी ने हमवतन विक्टर लिलोव को सीधे सेट्स में हराकर विम्बलडन में लड़कों का एकल खिताब जीता। अपना दूसरा जूनियर ग्रैंड स्लैम खेल रहे 17 साल के इस खिलाड़ी ने एक घंटे 22 मिनट तक चले फाइनल में 7-5, 6-3 से जीत हासिल की। समीर बनर्जी के माता-पिता 1980 के दशक में अमेरिका में बस गए थे।

Samir Banerjee
भारतीय मूल के समीर बनर्जी। (सोर्स- इंस्टाग्राम/विम्बलडन)

जूनियर फ्रेंच ओपन में बनर्जी पहले दौर में ही बाहर हो गए थे। युकी भांबरी जूनियर एकल खिताब जीतने वाले आखिरी भारतीय थे। उन्होंने 2009 में ऑस्ट्रेलियन ओपन में जीत हासिल की थी। सुमित नागल ने 2015 में वियतनाम के ली होआंग के साथ विम्बलडन लड़कों का युगल खिताब जीता था।

रामनाथन कृष्णन 1954 में जूनियर विम्बलडन चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय थे। उनके बेटे रमेश कृष्णन ने 1970 जूनियर विम्बलडन और जूनियर फ्रेंच ओपन खिताब जीता था। लिएंडर पेस ने 1990 जूनियर विम्बलडन और जूनियर यूएस ओपन जीता था। पेस जूनियर ऑस्ट्रेलियाई ओपन में भी उपविजेता रहे थे।

मेन्स सिंगल्स फाइनल में बेरेटिनी ने शुरुआत में काफी सहज गलतियां की जिसका फायदा उठाकर जोकोविच ने शुरू में ही उनकी सर्विस तोड़ दी। इसके बाद जब जोकोविच 5-2 से आगे थे तब बेरेटिनी ने सेट पॉइंट बचाया। इटली के इस खिलाड़ी ने दर्शकों के समर्थन के बीच अगले गेम में अपनी सर्विस बचाई और फिर ब्रेक पॉइंट लेकर मैच को टाईब्रेकर की तरफ बढ़ा दिया।

बेरेटिनी ने टाईब्रेकर में शुरू में ही 3-0 की बढ़त बनायी। अपना 30वां ग्रैंडस्लैम फाइनल खेल रहे जोकोविच ने बराबरी की लेकिन बेरेटिनी ने जल्द ही दो सेट प्वाइंट हासिल कर लिए। उन्होंने ऐस जमाकर पहले सेट प्वाइंट पर यह सेट अपने नाम किया जो एक घंटा 10 मिनट तक चला।

नोवाक जोकोविच ने दूसरे सेट में भी बेरेटिनी को वापसी का मौका दिया। सर्बियाई खिलाड़ी ने एक समय 4-0 से बढ़त बना रखी थी लेकिन 5-2 पर अपनी सर्विस पर सेट जीतने में नाकाम रहे।

जोकोविच ने 5-3 के स्कोर पर तीन सेट प्वाइंट गंवाये लेकिन अगले गेम में आसानी से अपनी सर्विस पर अंक बनाकर मैच का स्कोर 1-1 से बराबर किया। तीसरे सेट के तीसरे गेम में जोकोविच ने बेरेटिनी की सविस तोड़कर 2-1 से बढ़त बनायी और इसके बाद अपनी सर्विस बचाये रखी। उन्होंने छठे गेम में दो ब्रेक प्वाइंट बचाए।

उनके पास 5-4 के स्कोर पर दो सेट प्वाइंट पर थे। बेरेटिनी का फोरहैंड बाहर जाने से उन्होंने दूसरे सेट प्वाइंट पर मैच में बढ़त हासिल की। शीर्ष वरीयता प्राप्त सर्बियाई खिलाड़ी ने चौथे सेट में बेरेटिनी के डबल फॉल्ट का फायदा उठाकर 4-3 की बढ़त बनायी और फिर अंतिम गेम में ब्रेक प्वाइंट हासिल किया।