भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए दूसरे एकदिवसीय मैच में एक पल ऐसा भी आया जब गेंदबाज को खुद की वजह से शर्मिंदा होना पड़ा। ये ऐसा पल था, जिसे वो बॉलर कभी भूल भी नहीं सकता। हुआ यूं कि ये मैच बारिश के चलते 43-43 ओवर का हो चुका था और वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर पारी का आखिरी ओवर डाल रहे थे। पहली यॉर्कर बॉल को धोनी ने एक रन के लिए खेला। अगली गेंद फुल टॉस थी, जिसपर केदार जाधव ने चौका लगाया। हालांकि इसे नो-बॉल करार नहीं दिया गया।
तीसरी डिलीवरी होल्डर ने पैर क्रीज से बाहर निकालकर बॉल फेंकी, जिसे अंपायर ने नो-बॉल करार दे दिया। अगली गेंद पर धोनी ने एक रन लिया। चौथी बॉल को जाधव ने एक्सट्रा कवर की ओर खेलकर स्ट्राइक धोनी को सौंपी। पांचवीं बॉल पर फिर से एक रन। मगर आखिरी बॉल जाधव के कंधे के ऊपर से निकली, जिसे अंपायर ने नो-बॉल करार दिया। साथ ही जाधव ने चौका भी लगा दिया।
अब तक इस ओवर में तीन नो-बॉल फेंकी जा चुकी थी, जिसके चलते अंपायर ने होल्डर से कहा कि वो आगे अपना ओवर जारी नहीं रख सकते। इसके चलते पारी की आखिरी गेंद जॉनाथन कार्टर को फेंकनी पड़ी। नियमों के मुताबिक एक ओवर में दो बाउंसर ही फेंके जा सकते हैं। अगर बॉलर तीन नो-बॉल फेंके तो उसे आगे ओवर जारी रखने से रोक लिया जाता है।
बता दें कि भारत ने क्वींस पार्क ओवल मैदान में खेले गए दूसरे एकदिवसीय मैच में ऊपरी क्रम की शानदार बल्लेबाजी के बाद गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन के चलते मेजबान वेस्टइंडीज को 105 रनों के विशाल अंतर से हरा दिया था। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 43 ओवरों में विंडीज के सामने 311 रनों का विशाल लक्ष्य रखा। मेजबान टीम 43 ओवर में छह विकेट खोकर 205 रन ही बनाए यह वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की उसी के देश में रनों की लिहाज से सबसे बड़ी जीत है।
