80 के दशक और उससे पहले तक विश्व क्रिकेट पर वेस्ट इंडीज की टीम का जबरदस्त दबदबा था। हालांकि, 90 के दशक के अंत में वेस्ट इंडीज का यह दबदबा खत्म होने लगा और ऑस्ट्रेलिया ने उसकी जगह ले ली। इसी बीच साल 2000 में वेस्ट इंडीज और जिम्बाब्वे के बीच एक टेस्ट श्रृंखला खेली गई, जिसमें पहले टेस्ट में ही वेस्ट इंडीज ने अपने पुराने दौर की झलक दिखाई। जिम्बाब्वे की टीम को उस वक्त नया-नया टेस्ट दर्जा मिला था और टीम उस वक्त काफी अच्छी भी थी, वहीं वेस्ट इंडीज की टीम पिछले 11 टेस्ट मैच हारकर बुरे फॉर्म से गुजर रही थी, लेकिन वेस्ट इंडीज के गेंदबाजों ने ऐसा कमाल किया कि जिम्बाब्वे की टीम टेस्ट मैच में 100 रनों का लक्ष्य भी नहीं पा सकी और उससे पहले ही ढेर हो गई। बता दें कि टेस्ट मैच में 100 रनों के लक्ष्य को डिफेंड करने वाली वेस्ट इंडीज क्रिकेट इतिहास की सिर्फ दूसरी टीम है। पहली टीम ऑस्ट्रेलिया है, जिसने इंग्लैंड के खिलाफ 85 रनों के स्कोर का सफलतापूर्वक बचाव किया था।

पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए पहले टेस्ट मैच में जिम्बाब्वे ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। जिम्बाब्वे के गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी करते हुए वेस्ट इंडीज को सिर्फ 187 रनों पर ढेर कर दिया। हीथ स्ट्रीक ने 4 और स्पिनर ब्रायन मर्फी ने 3 विकेट चटकाए। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी जिम्बाब्वे की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसके दोनों ओपनर बहुत जल्दी आउट होकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद कप्तान एंडी फ्लावर ने मोर्चा संभाला और पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ मिलकर टीम का स्कोर 236 तक पहुंचा दिया। एंडी फ्लावर 113 रनों पर नाबाद पवेलियन लौटे।

इसके बाद दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी वेस्ट इंडीज की टीम फिर से अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रही और 147 के स्कोर पर ढेर हो गई। शिवनारायण चंद्रपॉल (49), जिम्मी एडम्स (27) और एसएल कैंपबेल (23) ही दहाई के आंकड़े को छू सके। हीथ स्ट्रीक ने एक बार फिर अच्छी गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट झटके। इस तरह जिम्बाब्वे को दूसरी पारी में मैच जीतने के लिए सिर्फ 99 रनों का लक्ष्य मिला। जिम्बाब्वे टीम की बल्लेबाजी को देखते हुए यह लक्ष्य आसान लग रहा था, लेकिन वेस्ट इंडीज के गेंदबाजों ने मैच का पासा पलटकर रख दिया।

लंच तक जिम्बाब्वे के 40 रनों पर 3 विकेट गिर चुके थे, लेकिन जिम्बाब्वे की टीम अभी भी मजबूत लग रही थी, क्योंकि कप्तान एंडी फ्लावर अभी भी क्रीज पर मौजूद थे। लंच के तुरंत बाद एंडी भी फ्रैंकलिन रोज की एक इनस्विंगर का शिकार होकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद ग्रांट फ्लावर भी 26 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद जब स्कोर 51 पर 5 हो गया तो मैच कुछ वेस्ट इंडीज की तरफ झुकता दिखाई दिया। जिम्बाब्वे के स्टुर्अट चार्ली और हीथ स्ट्रीक के विकेट एक ही ओवर में गिरे और वेस्ट इंडीज ने मैच पर पकड़ बना ली। कर्टली एम्ब्रोस ने अन्तिम के 3 विकेल सिर्फ एक रन पर लेकर वेस्ट इंडीज को ऐतिहासिक जीत दिला दी। जिम्बाब्वे की पूरी टीम 63 रनों पर ढेर हो गई और 35 रनों से मैच हार गई।