श्रृंखला गंवा देने के बावजूद भारत कल जब यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के लिए उतरेगा तो आक्रामक विराट कोहली की अगुआई में टीम इंडिया के लिए नये युग की शुरुआत होगी।

भारत 0-2 से पिछड़ रहा है और पहले ही बोर्डर गावस्कर ट्रॉफी गंवा चुका है। इसके अलावा मेलबर्न में ड्रा हुए तीसरे टेस्ट के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहना भी उसके लिए बड़ा झटका है।

इसके बाद कोहली को कप्तान की जिम्मेदारी दी गई और अब ये देखना रोचक होगा कि श्रृंखला में अब तक तीन शतक जड़ चुका यह आक्रामक बल्लेबाज टीम की अगुआई करने के दबाव से निपटकर टीम की प्रतिष्ठा को बचा पाता है या नहीं।

विदेशी सरजमीं पर भारत ने लगातार छठी श्रृंखला गंवाई है जिसकी शुरुआत 2011 में इंग्लैंड दौरे के साथ हुई थी। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में पहली बार है जब टीम को इतने लंबे समय तक विदेशों में हार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले इंग्लैंड में 1932 में पदार्पण श्रृंखला से 1955 में वेस्टइंडीज के पहले दौरे तक उसे इस तरह की निराशा का सामना करना पड़ा था।

कोहली ने लगभग एक महीने पहले एडिलेड ओवल में पहले टेस्ट में कप्तानी करते हुए शानदार प्रदर्शन किया था और उनके दो शतक की बदौलत टीम इंडिया जीत के काफी करीब पहुंचने में सफल रही थी लेकिन बाद में मैच हार गई।

कोहली हालांकि अब जब स्थायी तौर पर कप्तान की भूमिका निभाएंगे तो उनके सामने अलग तरह की चुनौतियां होंगी। धोनी की अगुआई में पिछले कुछ समय में भारत की सबसे बड़ी कमजोरी गेंदबाजों का 20 विकेट चटका पाने में असफल रहना रहा है और कोहली को सबसे पहले इसी समस्या का समाधान करते हुए ऐसा आक्रमण चुनना होगा जो 20 विकेट लेने में सक्षम हो।

सिडनी टेस्ट के बाद हालांकि भारत को काफी समय तक टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना है। उसे अगला टेस्ट बांग्लादेश दौरे पर खेलना है जो आईपीएल के बाद होगा। ऐसे में कोहली को फिलहाल इस टेस्ट के गेंदबाजी आक्रमण पर ध्यान देना होगा और स्थायी तौर पर टीम के गेंदबाजी आक्रमण के बारे में वह बाद में सोच सकते हैं।

कोहली को तय करना होगा कि आगामी त्रिकोणीय वनडे श्रृंखला और विश्व कप को देखते हुए किन खिलाड़ियों को आराम दिया जाए और किन्हें मौका दिया जाए। टीम पांच गेंदबाजों के साथ नहीं उतरेगी जबकि धोनी की जगह रिद्धिमान साहा विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका निभाएंगे। प्रबंधन हालांकि पहली पसंद विकेटकीपर के रूप में साहा के पहले मैच में उनके बल्लेबाजी में अधिक उम्मीद लगाकर उन पर दबाव नहीं बनाना चाहती।

वरुण आरोन अपने नाना के अंतिम संस्कार के बाद वापस लौट आए हैं जबकि भुवनेश्वर कुमार नेट पर लय में गेंदबाजी कर रहे हैं। इशांत शर्मा ने अभ्यास नहीं किया लेकिन वह नेट पर मौजूद रहे। उमेश यादव, मोहम्मद शमी और धवल कुलकर्णी ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी की जबकि तीन स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन, कर्ण शर्मा और अक्षर पटेल ने भी ऐसा किया। यह देखकर स्पष्ट है कि नया कप्तान चाहता है कि सभी खिलाड़ी फिट रहें और सभी विकल्प खुल रहें।

बल्लेबाजी विभाग में हालांकि कुछ बदलाव हो सकते हैं। रोहित शर्मा ने मेलबर्न की तुलना में अधिक कड़ा अभ्यास किया और उनके साथ सुरेश रैना मौजूद थे। लोकेश राहुल, मुरली विजय, कोहली और अजिंक्य रहाणे ने भी बल्लेबाजी अभ्यास किया।

शिखर धवन ने बाद में बल्लेबाजी की और वह तभी बल्लेबाजी के लिए उतरे जब राहुल नेट गेंदबाजों की शॉर्ट पिच गेंदों के आगे असहज नजर आ रहे थे। चेतेश्वर पुजारा ने पूरे सत्र के दौरान बल्ले को हाथ नहीं लगाया और ऐसे में वह कोहली की अंतिम एकादश से बाहर भी हो सकते हैं।

यह देखना रोचक होगा कि सलामी बल्लेबाज के रूप में धवन की श्रृंखला के विफलता के बावजूद टीम प्रबंधन उन्हीं के साथ उतरता है या नहीं। यह भी देखना होगा कि राहुल को एक और मौका मिलता है या नहीं जो अपने पदार्पण मैच की दोनों पारियों में विफल रहे थे।

इस मैदान पर खेले 10 टेस्ट में भारत ने एकमात्र जीत 1978 में दर्ज की थी। कोहली के लिए भी यह अच्छा आंकड़ा नहीं है कि टीम ने उनकी अगुआई में अब तक दोनों मैच गंवाए हैं।

साथ ही एससीजी में ऑस्ट्रेलियाई ड्रेसिंग रूम के बाहर फिलिप ह्यूज की याद में पट्टिका लगाई गई। यह उस घटना की याद ताजा करती है जिसमें पिछले साल नवंबर में यहां घरेलू मैच के दौरान इस क्रिकेटर की बाउंसर लगने के बाद मौत हो गई थी।

ह्यूज का परिवार इस मैच के दौरान दर्शकों के बीच मौजूद रहेगा और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के बीच एक बार फिर उनकी याद ताजा हो जाएगी। ह्यूज की मौत के बाद एडिलेड में हुए पहले टेस्ट में भी भावनाओं का सैलाब देखने को मिला था और सिडनी में भी ऐसा हो सकता है।

इस मैच में मिशेल जॉनसन नहीं खेलेंगे लेकिन इसके बावजूद ऑस्ट्रेलिया ह्यूज के लिए हर हाल में यह मैच जीतना चाहेगा। जबकि भारत नये कप्तान की अगुआई में मेजबान टीम को जीत से रोकने के लिए उतरेगा।

टीमें इस प्रकार हैं:

भारत:
विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, सुरेश रैना, रिद्धिमान साहा, रविचंद्रन अश्विन, कर्ण शर्मा, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, वरुण आरोन, उमेश यादव, धवल कुलकर्णी और केएल राहुल (महेंद्र सिंह धोनी स्टैंडबाई)।

ऑस्ट्रेलिया:
स्टीव स्मिथ (कप्तान), डेविड वॉर्नर, क्रिस रोजर्स, शेन वॉटसन, शॉन मार्श, जो बर्न्स, ब्रेड हैडिन, रेयान हैरिस, मिशेल स्टार्क, नाथन लियोन और जोश हेजलवुड।