वेस्टइंडीज का एक गेंदबाज, जिससे उस दौर में विश्व के शानदार बल्लेबाज खौफ खाते थे। ऐसा बॉलर, जिसके नाम अब तक का सबसे बेहतरीन गेंदबाजी स्पेल है। इस खिलाड़ी का नाम है कर्टनी वाल्श। इस कैरेबियन बॉलर के हाथों में जब-जब गेंद होती तो बल्लेबाज हमेशा परेशानी में रहते। एक मैच में कर्टनी वाल्श ने ऐसा कहर ढाया, जिसका ख्वाब भी कोई नहीं देख सकता था।
जी हां, ये मैच 3 दिसंबर 1986 को शारजाह में श्रीलंका-वेस्टइंडीज के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का पांचवां मैच खेला जा रहा था। मुकाबला 45-45 ओवर का था, जिसमें पहले बल्लेबाजी करते हुए वेस्टइंडीज ने गोर्डन ग्रीनाइड (67) और रिची रिचर्डसन (109) की शानदार साझेदारी की बदौलत पहला विकेट 132 रन खोया, जबकि दूसरा विकेट 220 रन पर गिरा। यहां से लगा कि वेस्टइंडीज बड़ा स्कोर खड़ा कर देगी। रवि रत्नायके ने 9 ओवर में 59 रन देकर 3 विकेट झटके और कैरेबियन टीम 5 विकेट खोकर 248 रन ही बना सकी।
श्रीलंका को कोई खास बड़ा टारगेट नहीं मिला था। मगर टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और उसने महज 50 रन पर ही अपने 5 विकेट खो दिए लेकिन इसी बीच कर्टनी वाल्श ने अपनी बॉलिंग से कोहराम मचा दिया। वाल्श ने महज 4.3 ओवर गेंदबाजी की और 0.22 की इकॉनमी के साथ 3 मेडन ओवर फेंके। इस गेंदबाज ने 1 रन देकर 5 विकेट चटका डाले और साथ ही कर डाला अपने नाम विश्व रिकॉर्ड, जिसे आज तक कोई और गेंदबाज नहीं तोड़ सका।
कर्टनी वाल्श को वेस्टइंडीज के महान तेज गेंदबाजों की परंपरा का आखिरी बॉलर माना जाता है। वॉल्श ने कुल 337 मैचों में 26.28 के औसत से 746 विकेट लिया। वाल्श का बेस्ट प्रदर्शन रहा 37 रन देकर सात विकेट। वाल्श ने 23 बार एक पारी में पांच या उससे अधिक विकेट लिए। तीन बार वो एक टेस्ट मैच में 10 या उससे अधिक विकेट लेने में कामयाब रहे। बता दें कि भारत-वेस्टइंडीज के बीच हुए मैचों में सबसे ज्यादा विकेट कर्टनी वॉल्श ने लिए हैं। उन्होंने 38 मैचों में 44 खिलाड़ियों को पवेलियन का रास्ता दिखाया था।

