स्विट्जरलैंड के गोलकीपर यान सोमेर ने पेनल्टी शूटआउट में किलियन एमबाप्पे की पेनल्टी किक बचाकर फ्रांस को यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप- यूरो 2020 (UEFA EURO 2020) से बाहर कर दिया। स्विट्जरलैंड ने बुकारेस्ट में खेले गए मुकाबले के अतिरिक्त समय में 3-3 से ड्रॉ के बाद शूटआउट 5-4 से जीत लिया।

वहीं कोपेनहेगन में स्पेन ने अतिरिक्त समय में गोलकर प्री-क्वार्टर फाइनल में 5-3 से जीत हासिल की और क्रोएशिया को यूरो कप 2020 की रेस से बाहर कर दिया। क्रोएशिया और फ्रांस के हारने से यूरो कप 2020 में फीफा वर्ल्ड कप 2018 के दोनों फाइनलिस्ट बाहर हो गए। फ्रांस ने 15 जुलाई 2018 को क्रोएशिया को 4-2 से हराकर फुटबॉल वर्ल्ड कप 2018 का खिताब अपने नाम किया था।

किलियन एमबाप्पे का पेनल्टी चूकना फुटबॉल जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसा हो भी क्यों न। महज 22 साल के एमबाब्पे ने अपने छोटे से करियर में कई उपलब्धियां अपने नाम दर्ज की हैं। वह फीफा वर्ल्ड कप (FIFA World Cup) चैंपियन टीम का हिस्सा हैं। उन्हें 2018 फीफा वर्ल्ड कप (FIFA World Cup) का बेस्ट यंग प्लेयर चुना गया था। वह 4 लीग के विजेता और तीन लीग के टॉप गोल स्कोरर हैं। फ्रांस के किसी भी फुटबॉलर ने चैंपियंस लीग के एक सीजन में उनसे ज्यादा गोल नहीं किए हैं।

अपनी दूसरी बेटी के जन्म के कारण ग्रुप चरण के बीच में अवकाश लेने वाले सोमेर ने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक किलियन एमबापे को पेनल्टी पर गोल नहीं करने दिया। इससे स्विट्जरलैंड 67 साल में पहली बार किसी बड़े टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने में सफल रहा।

मैच निर्धारित समय में 3-3 से बराबर रहा था। इसके बाद पेनल्टी शूट आउट का सहारा लिया गया। स्विट्जरलैंड ने अपनी पांचों पेनल्टी पर गोल किए। फ्रांस की तरफ से एमबाप्पे आखिरी पेनल्टी लेने के लिए आये, लेकिन सोमेर ने अपने दाईं तरफ डाइव लगाकर उसे बचा दिया। इसके बाद पिछले विश्व कप फाइनल में गोल करके सुपरस्टार बने एमबाप्पे ही नहीं पूरा फ्रांस गमगीन हो गया।

 67 साल बाद किसी टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में पहुंचा स्विट्जरलैंड

सोमेर ने बाद में कहा, ‘फुटबॉल के लिए क्या शानदार शाम थी। हमारे पास अंतिम 16 से आगे बढ़ने का मौका था, क्योंकि हम पहले कभी इससे आगे नहीं पहुंच पाए थे। हमने अपनी जीजान लगा दी थी। यह शानदार है।’ स्विट्जरलैंड की ओर से हैरिस सेफ्रोविच (15वे और 81वें मिनट) ने दो गोल किए, जबकि मारियो गावरोनोविच ने 90वें मिनट में बराबरी का गोल दागा था। फ्रांस के लिए करीम बेंजिमा ने 57वें और 59वें, जबकि पॉल पोग्बा ने 75वें मिनट में गोल किए थे।

स्विस टीम 1954 में विश्व कप की मेजबानी के बाद कभी किसी टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल तक नहीं पहुंची थी। यूरो कप में वह कभी अंतिम 16 से आगे नहीं बढ़ पाई थी। क्वार्टर फाइनल में उसका मुकाबला शुक्रवार को सेंट पीटर्सबर्ग में स्पेन से होगा।

यूरोपीय चैंपियनशिप के एक मैच में हुए दूसरे सबसे ज्यादा गोल

क्रोएशिया के खिलाफ मैच में स्पेन ने पहले आत्मघाती गोल किया और फिर 3-1 की बढ़त गंवाई, लेकिन अल्वारो मोराता और मिकेल ओयाजेबाल के अतिरिक्त समय में किए गए गोल से आखिरकार वह क्रोएशिया को 5-3 से हराने में सफल रहा।

यूरोपीय चैंपियनशिप के इतिहास में एक मैच में सर्वाधिक गोल के रिकॉर्ड में यह मैच दूसरे स्थान पर काबिज हो गया है। इससे अधिक गोल केवल 1960 में यूगोस्लाविया की फ्रांस पर 5-4 से जीत के दौरान किए गए थे।

मैच उतार चढ़ाव वाला रहा। पहले पेड्री के आत्मघाती गोल से क्रोएशिया ने 20वें मिनट में बढ़त बनायी लेकिन पाब्लो सराबिया ने 38वें मिनट में गोल करके स्पेन को बराबरी दिला दी जिससे मध्यांतर तक स्कोर 1-1 से बराबरी पर था।

स्पेन ने दूसरे हाफ में अधिक आक्रामक तेवर अपनाये जिसका उसे फायदा भी मिला। सीजर अजिपिलकुएता ने उसे 57वें मिनट में बढ़त दिलायी जबकि फेरेन टोरेस के 77वें मिनट में किये गये गोल से वह 3-1 से आगे हो गया।

क्रोएशिया इसके बाद गोल करने के लिए बेताब दिखा। मिसलाव ओरिसिच ने 85वें मिनट में स्पेन की बढ़त कम करके उसकी उम्मीद भी जगा दी। क्रोएशिया के मिडफील्डर मारियो पसालिच ने इंजुरी टाइम में बराबरी का गोल दाग दिया जिससे मैच अतिरिक्त समय तक खिंच गया।

ऐसे में मोराता ने 100वें मिनट में गोल दागा जो कि निर्णायक साबित हुआ। स्पेनिश स्ट्राइकर ने पहले गेंद पर नियंत्रण बनाया और फिर गोलकीपर डोमिनिक लिवाकोविच को छकाकर गोल किया। इसके तीन मिनट बाद ओयाजेबाल ने स्कोर 5-3 कर दिया जिसे स्पेन ने आखिर तक बरकरार रखा।

मोराता को ग्रुप चरण में कई मौके गंवाने के कारण सोशल मीडिया पर समर्थकों की नाराजगी झेलनी पड़ रही थी, लेकिन सोमवार को उन्होंने सारे गिले शिकवे दूर कर दिए। स्पेन के कोच लुई एनरिक ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि दुनिया में कोई भी ऐसा कोच होगा जो मोराता जैसे खिलाड़ी की प्रशंसा नहीं करेगा।’