ओलंपिक खेलों में इतिहास रचने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की स्ट्राइकर वंदना कटारिया करीब डेढ़ साल बाद अपने घर वापस लौटी। जैसे ही वंदना अपनी मां से मिलीं, वे भावुक हो गई और उन्हें गले लगाकर रोने लगी।
बुधवार को जैसे ही वंदना हरिद्वार पहुंची तो हवाई अड्डे पर उन्हें देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। हवाई अड्डे से लेकर घर तक वंदना का ज़ोरदार स्वागत किया गया। रास्ते भर गाजे-बाजे के साथ जश्न मनाया गया और उनकी वाहवाही के नारे लगाए गए। ओलंपिक हॉकी मैच में हैट्रिक लगाने वाली वंदना के लिए यह किसी सपने से कम नहीं था। वहीं कटारिया के स्वागत के लिए ज़िला प्रशासन ने रोशनाबाद स्पोर्ट्स स्टेडियम में एक आयोजन भी किया।
जौली ग्रांट एयरपोर्ट से रोशनाबाद तक जिन भी रास्तों से वंदना का काफिला गुज़रा, कई स्थानों पर आम और खास लोगों ने वंदना का स्वागत किया। करीब डेढ़ साल बाद अपने घर लौटी वंदना मां से मिलकर काफी भावुक नज़र आईं। वे उन्हें गले लगाकर रोने लगी।
#WATCH | Indian women hockey player & hat-trick scorer in Tokyo Olympics, Vandana Kataria breaks down as she hugs her mother on arrival at their residence in Haridwar, Uttarakhand pic.twitter.com/RuqCKDXWoR
— ANI (@ANI) August 11, 2021
दो महीने पहले उनके पिता का निधन हो गया था। तब वे ओलमिक खेलों की प्रैक्टिस के चलते घर नहीं आई थी। अपने गांव तीर्थनगरी पहुंचकर उन्होंने कहा, ‘हम लोग मेडल के बहुत नजदीक थे, मेडल नहीं जीत पाए, लेकिन हमने भारत में लोगों का दिल जीता है। आने वाले समय में भारतीय टीम जरूर गोल्ड मेडल जीतेगी।
वंदना जब प्रैक्टिस में बिजी थी उस दौरान पिता का साथ छूट गया। वापस आकर मां से गले लगकर पिता के सपने को भी याद किया। उन्हों ने कहा कि पापा हमेशा कहते थे बेटी मेडल लेकर ही आना। वंदना ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक के शुरूआत के तीन मैचों में हार मिलने के बाद उनकी टीम पूरी तरह से टूट गई थी, लेकिन इसके बाद शुरू हुए पॉजिटिव मोटिवेशन से टीम और उसमें बहुत ऊर्जा का संचार पैदा हुआ। वंदन ने इस ओलंपिक में भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल दागे हैं।
