जिस उम्र में ज्यादातर बच्चे केवल इंस्टाग्राम पर देखने को मिलते हैं, उस उम्र में जापान और ब्राजील की दो लड़कियों ने इतिहास रच दिया है। टोक्यो ओलंपिक में सोमवार यानी 26 जुलाई 2021 को 13 साल 330 दिन की मोमिजी निशिया (Momiji Nishiya) और 13 साल और 203 दिन की रायसा लील (Rayssa Leal) ने स्ट्रीट स्केटबोर्डिंग प्रतियोगिता में क्रमशः स्वर्ण पदक और रजत पदक पर कब्जा जमाया।
इसके साथ ही जापान की मोमिजी निशिया ओलंपिक इतिहास में सबसे कम उम्र में गोल्ड जीतने वाली एथलीट्स में शामिल हो गईं। हालांकि, वह ओलंपिक में सबसे कम उम्र में गोल्ड मेडल जीतने के रिकॉर्ड से चूक गईं। अमेरिका की मार्जोरी गेस्ट्रिंग के नाम ओलंपिक में सबसे कम उम्र में गोल्ड मेडल जीतने का रिकॉर्ड है।
ओलंपिक में पहली बार स्केटबोर्डिंग प्रतियोगिता को शामिल किया गया है। ब्राजील की रायसा लील दूसरे स्थान पर रहीं। सोशल मीडिया पर 13 साल की इन दोनों एथलीट्स की तारीफ हो रही है।
खास यह है कि स्केटबोर्डिंग के फाइनल में जिन आठ खिलाड़ियों ने जगह बनाई थी, उनमें से चार की उम्र 16 साल से भी कम थी। कांस्य पदक भी जापान के हिस्से में आया। जापान की 16 साल की फुना नाकायामा ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।
मोमिजी और रायसा में इतनी कम उम्र में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतकर साबित कर दिया है कि दिल में कुछ कर गुजरने का अगर जज्बा हो तो आयु कोई मायने नहीं रखती।
गोल्ड मेडल जीतने के बाद मोमिजी निशिया ने बताया कि वह अपनी मां से डिनर में जापानी याकिनिकु बारबेक्यू बनाने को कहेंगी और इस तरह अपनी जीत का जश्न मनाएंगी। वहीं, रायसा लील ने कहा, अब मैं अपने सभी दोस्तों को अपने साथ हर जगह स्केटबोर्ड करने के लिए तैयार कर सकती हूं।
टोक्यो ओलंपिक में भारत अब तक एक रजत पदक ही जीत पाया है। साइखोम मीराबाई चानू ने देश को पहला मेडल दिलाया है। उन्होंने वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीता है। वह ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय वेटलिफ्टर हैं। उन्होंने स्नैच में 87 और क्लीन एंड जर्क में 115 किलोग्राम का भार उठाकर यह उपलब्धि अपने नाम की।
क्या होता है स्केटबोर्ड: स्केटबोर्ड एक छोटा, संकीर्ण बोर्ड होता है। इसके दोनों छोर के नीचे दो छोटे पहिए लगे होते हैं। स्केटबोर्डर्स जम्प, फ्लिप और मिड-एयर स्पिन समेत ऐसी कई कलाओं की सीरीज का प्रदर्शन करने के लिए स्केटबोर्ड का प्रयोग करते हैं।