इस साल 24 जुलाई से 9 अगस्त तक जापान की राजधानी टोक्यो में खेलों के महाकुंभ यानी ओलंपिक गेम्स का आयोजन होना है। जापान ओलंपिक के इस 29वें संस्करण को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने यहां आने वाले न सिर्फ खिलाड़ियों, बल्कि सपोर्ट स्टाफ और फैंस को भी कोई असुविधा नहीं हो, इसका भी विशेष ख्याल रखा है। उसने मुस्लिम खिलाड़ियों, उनके सपोर्ट स्टाफ और फैंस के लिए मोबाइल मस्जिद भी बनाई है, ताकि खेलों के दौरान उन्हें नमाज अता करने पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं हो।
आयोजकों की मानें तो ओलंपिक के दौरान टोक्यो की सड़कों पर मस्जिद ऑन व्हील्स चलती हुई दिखाई देगी। इसके अलावा खेल गांव में भी प्रार्थना स्थल बनाने के लिए कमरे बनाए जा रहे हैं। बता दें कि टोक्यों में होटलों और सार्वजनिक क्षेत्रों में प्रार्थना स्थलों की कमी है। इसके मद्देनजर आयोजकों ने एक ट्रक पर मस्जिद बनाई गई है। इसमें नमाज पढ़ने के लिए 48 वर्ग मीटर की जगह के साथ हर सुविधा मौजूद है।
ट्रक को मोबाइल मस्जिद में बदलने का काम यासू प्रोजेक्ट ने किया है। ट्रक को इस प्रकार तैयार किया गया है कि पार्किंग के बाद वह एक मस्जिद में बदल जाता है। ट्रक का पिछला हिस्सा खुलकर चौड़ा हो जाता है। इस मोबाइल मस्जिद पर अरबी भाषा में जरूरी निर्देश भी लिखे हुए हैं। ट्रक के बाहरी हिस्से में नमाज अता करने से पहले वजू करने के लिए नल भी लगाए गए हैं। यासू प्रोजेक्ट के सीईओ यासूहारू इनो को उम्मीद है कि खिलाड़ी और समर्थक इस मोबाइल मस्जिद का इस्तेमाल करेंगे।
The Yasu Project has come up with a Mobile Mosque for the thousands of Muslim athletes, officials and supporters arriving in Tokyo for the Olympic Games later this year https://t.co/FKD8LeISOC pic.twitter.com/U3tGPgVn98
— Reuters (@Reuters) February 5, 2020
उन्होंने बताया, ‘मेरी चाहत है कि यहां आए एथलीट पूरी प्रेरणा के साथ ओलंपिक में हिस्सा लें। दर्शक भी उसी प्रेरणा के साथ खिलाड़ियों का प्रोत्साहित करें, इसलिए मैंने मोबाइल मस्जिद तैयार की है। मुझे उम्मीद है कि इससे जागरुकता आएगी। सभी को पता चलेगा कि दुनिया में अलग-अलग तरह के लोग हैं। इससे भेदभाव मुक्त और शांतिपूर्ण ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों को भी बढ़ावा मिलेगा।’