इस समय भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी टी20 सीरीज में धीमी बल्लेबाजी के चलते पूर्व क्रिकेटरों के निशाने पर हैं। लेकिन साल 2005 में धोनी ने अपनी बल्लेबाजी से सभी को अपना दीवाना बना दिया था। विशाखापत्तनम वनडे में पाकिस्तान के खिलाफ 148 रनों की पारी खेलकर धोनी रातोंरात क्रिकेट के दुनिया में अपनी एक नई पहचान बनाने में कामयाब रहे थे। इसके बाद धोनी एक बार फिर अक्टूबर 2005 में श्रीलंका के खिलाफ जमकर रन बनाए। दरअसल, अक्टूबर में भारत को श्रीलंका के खिलाफ 7 मैचों की वनडे सीरीज खेलने थी। इस दौरे पर टीम में धोनी को विकेटकीपर के रूप में चुना गया था। धोनी उससे पहले पाकिस्तान के खिलाफ एक धमाकेदार पारी की वजह से सुर्खियों में थे। धोनी को इस सीरीज के तीसरे मैच में एक बार फिर नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने का मौका मिला और उन्होंने उस मौके का जमकर फायदा उठाया।
धोनी ने इस पारी में 145 गेंदों में नाबाद 183 रन बना डाले। इस पारी में उन्होंने 15 चौके और 10 छक्के लगाए। धोनी अपनी इस पारी की बदौलत सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बन गए। इसके अलावा सीरीज के आखिरी मैच (12 नंवबर) को धोनी ने 80 रनों की एक और दमदार पारी खेलकर टीम को जीत दिलाया।
इसके साथ ही एमएस धोनी इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए। धोनी ने इस सीरीज में 5 पारियों में 115.33 की औसत से 346 रन बनाए। आज ही के दिन 12 नंवबर को धोनी को पहली बार मैन ऑफ द सीरीज अवॉर्ड से नवाजा गया।

