सुधा सिंह ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में महिलाओं की 3,000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया है। उत्तर प्रदेश की इस एथलीट ने कलिंग स्टेडियम में नौ मिनट 59.47 सेकेंड में रेस जीतकर भारत को दिन का पहला स्वर्ण पदक दिलाया। रियो ओलम्पिक-2016 के बाद चोटों और बीमारियों से जूझ रहीं सुधा अपने प्रदर्शन से खुश दिखीं। सुधा ने 2009, 2011 और 2013 में रजत पदक जीते थे। वह हमवतन ललिता बाबर और बाहरीन की विश्व व एशियाई रिकार्डधारी रूथ जेबेट की अनुपस्थिति में स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार थी।
सुधा ने कहा कि रेस में वो शुरू से ही आगे चल रही थीं और थोड़ी देर तक पांच प्रतिर्स्पिधयों के साथ दौड़ी लेकिन आधी दूरी पर उन्होंने सभी को पीछे छोड़ दिया। जिससे जीत के बाद उन्हें ‘लैप ऑफ ऑनर’ दिया गया। उत्तर कोरिया की 18 साल की हयो गयोंग 10 मिनट 13.94 सेकेंड से दूसरे स्थान पर रहीं जबकि जापान की नाना सातो ने 10 मिनट 18.11 मिनट ने कांस्य पदक हासिल किया।
सुधा ने मैच के बाद कहा, ‘‘मैं इस स्वर्ण पदक को जीतकर काफी खुश हूं। रियो ओलंपिक के बाद यह मेरा शीर्ष स्तर का पहला टूर्नामेंट है। रियो ओलंपिक के बाद मुझे स्वाइन फ्लू हो गया था और मैं पांच छह महीनों तक अभ्यास नहीं कर सकी और इसके बाद मैंने धीरे धीरे ट्रेनिंग शुरू किया। इसलिये यह जीत काफी विशेष है। यह समय थोड़ा ज्यादा है लेकिन यहां के हालात इतने अच्छे नहीं थे।’’ उन्होंने कहा, “इस चैम्पियनशिप में एशिया के शीर्ष खिलाड़ी नहीं आए हैं इसलिए यहां का स्तर मेरे हिसाब से थोड़ा कम था।”
इस ओलम्पियन ने कहा, “मैं दो ओलम्पिक में हिस्सा ले चुकी हूं और कुछ हासिल करना चाहती हूं। मैं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतना चाहती हूं। मेरा लक्ष्य एशियन चैम्पियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करना था। अब मैं अगले महीने होने वाली विश्व चैम्पियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करना चाहती हूं।”
