ग्राउंड स्टाफ से बदसलूकी पर श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड ने माफी मांगी है। इस घटना की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हो रही है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना सोमवार को हुई थी। हंबंथोला स्टेडियम में हुए फाइनल मैच में श्रीलंका को जिम्बॉब्वे के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद जो हुआ, उससे हर कोई शर्मसार हो गया। ग्राउंड स्टाफ से कहा गया कि उन्हें पैंट वापस करनी होगी, क्योंकि उस पर श्रीलंका क्रिकेट का लोगो लगा हुआ था। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में ये कर्मचारी बिना पैंट के दिख रहे हैं। श्रीलंका संडे टाइम्स वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक जिन ग्राउंड स्टाफ से एेसा करने को कहा गया था, उनमें दिहाड़ी पर काम करने वाले 100 लोग थे, जिन्हें हर दिन महिंदा राजपक्षे अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में काम करने के लिए 1000 रुपये मिलते थे। रिपोर्ट के मुताबिक इन लोगों से कोई इंतजाम करने को नहीं कहा गया था। साथ ही ये लोग अतिरिक्त पैंट भी साथ नहीं लाए थे। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने एक बयान में कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। बोर्ड ने माफी मांगते हुए उन्हें इसके लिए मुआवजा देने का भी वादा किया।

जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम ने हरफनमौला प्रदर्शन करते हुए सोमवार को महिंदा राजपक्षा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में हुए श्रृंखला के आखिरी और पांचवें अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैच में श्रीलंका को तीन विकेट से हरा दिया था। इसके साथ ही जिम्बाब्वे ने उम्मीदों के उलट पांच मैचों की श्रृंखला पर 3-2 से कब्जा कर लिया। टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनते हुए जिम्बाब्वे ने मेजबान टीम को 50 ओवरों में आठ विकेट पर 203 रन के स्कोर पर रोक दिया और इसके बाद हैमिल्टन मसाकाद्जा (73) की बेहतरीन पारी के दम पर 38.1 ओवरों में सात विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। जिम्बाब्वे ने 2009 के बाद की अपने घर से बाहर पहली सीरीज जीती है। पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका अच्छी शुरुआत नहीं कर पाई और उसने 31 रनों पर ही अपने तीन विकेट खो दिए।

सलामी बल्लेबाज दानुष्का गुणाथिलका (52) एक छोर पर खड़े रहे लेकिन दूसरे छोर पर लगातार विकेट गिरते रहे। कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (24) ने उनके साथ चौथे विकेट के लिए 47 रन जोड़े। गुणाथिलका ने इसके बाद असेला गुणारत्ने (नाबाद 59) के साथ पांचवें विकेट के लिए 41 रनों की साझेदारी की। इस बीच 119 के कुल स्कोर पर गुणाथिलका पवेलियन लौट गए और गुणरत्ने अकेले संघर्ष करते रहे। अंत में उन्होंने दुशमंथा चामिरा (18) के साथ टीम को 200 का आकंड़ा पार कराया। हालांकि इस छोटे से लक्ष्य को हासिल करना भी जिम्बाब्वे के लिए भी आसान नहीं रहा। उसे मसाकाद्जा और सोलोमोन मिरे (43) ने अच्छी शुरुआत तो दी, लेकिन मध्य क्रम में कुछ विकेट लगातार गिर जाने के कारण एक समय टीम संकट में नजर आने लगी थी।

मिरे और मसाकाद्जा ने पहले विकेट के लिए 92 रन जोड़े। पहला विकेट मिरे का गिरा जबकि मसाकाद्जा 137 के कुल स्कोर पर दूसरे विकेट के तौर पर पवेलियन लौटे। ताईसाई मुसाकांड (37) ने इस दौरान एक छोर पकड़े रखा और मध्यक्रम की असफलता को छुपा लिया। अंत में सिकंदर रजा ने नाबाद 27 रनों की पारी खेल जिम्बाब्वे को ऐतिहासिक जीत दिलाई। कप्तान ग्रीम क्रेमर भी 11 रन बनाकर नाबाद रहे। जिम्बाब्वे ने पहला मैच जीतकर सीरीज की अच्छी शुरुआत की थी। वहीं श्रीलंका ने लगातार दो मैच जीतते हुए 2-1 से बढ़त ले ली थी, लेकिन अंतिम के दोनों मैचों में जिम्बाब्वे ने शानदार प्रदर्शन किया और लगातार दो जीत हासिल करते हुए सीरीज पर कब्जा जमाया।