एक साहसिक फैसले में भारत के गैर खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति ने टीम में चार एकल खिलाड़ियों को चुनते हुए उजबेकिस्तान के खिलाफ डेविस कप मुकाबले के लिये लिएंडर पेस और रोहन बोपन्ना को रिजर्व रखा है। रामकुमार रामनाथन (रैंकिंग 269), युकी भांबरी (307), प्रग्नेश गुणेश्वरन (325) और एन श्रीरात बालाजी (325) सात से नौ अप्रैल तक बेंगलूरू में होने वाले मैच के लिये टीम में है। यह याद कर पाना भी मुश्किल है कि भारत ने कब आखिरी बार सभी एकल खिलाड़ियों की टीम उतारी थी।
भारत की ताकत हमेशा युगल मानी जाती रही है। भूपति और पेस नब्बे के दशक में सिर्फ डेविस कप ही नहीं बल्कि एटीवी वर्ल्ड टूर में भी अपना दबदबा कायम कर चुके थे। नियमों के तहत हालांकि वह मैच शुरू होने से पहले दो सदस्य बदल सकते हैं।
एआईटीए की विज्ञप्ति के अनुसार चयन समिति ने कप्तान से मशविरा करके टीम चुनी है और विष्णु वर्धन को अभ्यास के लिये सातवें सदस्य के रूप में जोड़ा गया है। भूपति ने कहा था कि अंतिम चार को चुनते समय खिलाड़ियों के प्रदर्शन को ध्यान में रखा जायेगा। उन्होंने कहा,‘‘मैं उनके प्रदर्शन पर नजर रखे हुए था। मुझे नतीजे चाहिये ।’’
भूपति ने हालांकि यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर वह पेस या बोपन्ना को उतार सकते हैं। उन्होंने कहा कि बोपन्ना और पेस दोनों इंडियन वेल्स मास्टर्स और उसके बाद चैलेंजर टूर्नामेंट के पहले दौर में बाहर हो गए थे। इसके बाद पेस और बोपन्ना का अंतिम फैसला भूपति पर छोड़ दिया था।
अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) की एस पी मिश्रा की अगुवाई वाली चार सदस्यीय चयन समिति ने छह सदस्यीय टीम में चार एकल खिलाड़ियों रामकुमार रामनाथन, युकी भांबरी, प्रजनेश गुणेश्वरन और एन श्रीराम बालाजी और दो युगल खिलाड़ियों रोहन बोपन्ना और लिएंडर पेस को रखा। एआईटीए के महासचिव हिरणमय चटर्जी ने कहा कि अब अंतिम चार का फैसला करना कप्तान का काम है।
आपको बता दें कि पेस डेविस कप में विश्व रिकार्ड बनाने की दहलीज पर हैं। वह 42 युगल मैच जीतकर इटली के निकोला पी की बराबरी कर चुके हैं और एक जीत दर्ज करने पर वह डेविस कप के इतिहास के सबसे सफल युगल खिलाड़ी बन जाएंगे। वह न्यूजीलैंड के खिलाफ विष्णु वर्धन के साथ खेलते हुए यह रिकार्ड नहीं बना सके थे।