रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के बाद खेल मंत्रालय ने पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया को भी सस्पेंड कर दिया। देश की पहली महिला पैरालंपिक मेडलिस्ट दीपा मलिक इस कमेटी की अध्यक्ष थीं। इस कमेटी पर नेशनल स्पोर्ट्स कोड के उल्लंघन का आरोप लगा है। खेल मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक कमेटी को भी इसकी जानकारी दे दी है। साथ ही पीसीआई की देखरेख के लिए एड-हॉक समिति भी बना दी है।

देरी से चुनाव कराने से नाराज खेल मंत्रालय

खेल मंत्रालय पैरालंपिक समिति द्वारा समय पर चुनाव नहीं कराने से नाराज है और इसी कारण यह फैसला किया है। पीसीआई की कार्यकारी समिति का चार साल का कार्यकाल इस साल 31 जनवरी को खत्म हो गया। समिति ने लगभग दो महीने बाद यानी 28 मार्च को चुनाव कराने का फैसला किया। मंत्रालय दो महीने की देरी से नाराज था। दाधिकारियों के कार्यकाल की समाप्ति से कम से कम एक महीने पहले चुनाव करना अनिवार्य है।  ऐसे में मंत्रालय ने स्पोर्ट्स कोड के उल्लंघन के कारण समिति को सस्पेंड कर दिया।

पीसीआई को किया गया निलंबित

मंत्रालय के जारी नोटिस में कहा गया, ‘पीसीआई इस तथ्य से अच्छी तरह से अवगत थीं कि कार्यकारी समिति का कार्यकाल केवल 31 जनवरी तक था, 28 मार्च को चुनाव कराने का उसका निर्णय बिना किसी वैध कारण के और जानबूझकर देरी कराने के लिए किया गया है। ऐसी विफलता लोकतांत्रिक सिस्टम को कमजोर करती है। अन्य राष्ट्रीय खेल महासंघों के समान, कानूनी रूप से सुदृढ़ ढांचे में भारतीय खेलों में पारदर्शी और लोकतांत्रिक शासन सुनिश्चित करने के लिए खेल संहिता का अनुपालन अनिवार्य है।’