चुनौतियां आपके हौसले की परीक्षा लेती हैं। अगर आप इन चुनौतियों से समझौता कर लेते हैं तो आप निराश होते हैं, लेकिन अगर इनका डटकर सामना करते हैं तो आप इतिहास रच देते हैं। ऐसा ही एक कमाल किया है दक्षिण कोरिया के ली डक ही ने जो एटीपी मुख्य ड्रॉ का मैच जीतने वाले पहले बहरे खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने नार्थ कैरोलिना में चल रहे टूर्नामेंट में हेनरी लाकसोनेन को हराया । इस 21 साल के युवा मे खराब मौसम में खेले गए इस मैच में स्विटजरलैंड के लाकसोनेन को 7-6, 6-1 से मात दी ।
अब उनका सामना पोलैंड के हबर्ट हुर्काज से होगा । इस जीत के बाद ली ने कहा कि मैने कभी सोचा नहीं था कि यहां तक पहुंचूंगा । मैने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और जीत मिली ।उन्होंने कहा कि मैने फैसला किया था कि इस गेम में मैं अपना बेस्ट देने की कोशिश करूंगा और मैने वही किया जिससे मुझे जीत मिली। बता दें कि अभी ली की दुनिया में 212वीं रैंक है और उनका अगला होने वाला मैच 40वीं रैंकिंग के हुर्काज से होना है। इसके बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं ये मुकाबला भी इसी उत्साह के साथ खेलना चाहता हूं।
आलोचकों को दिया करारा जवाबः इस जीत के साथ ली ने सिर्फ इतिहास नहीं रचा है बल्कि उन्होंने अपने आलोचकों को करारा जवाब भी दिया है जो समझते थे कि उनकी विकलांगता उनके असफलता का सूचक है और जिसको लेकर वो उनका मजाक बनाया करते थे। इस जीत के बाद उन्होंने कहा कि मेरे लिए ये मुश्किल जरूर था लेकिन मेरी फैमिली और दोस्तों ने मेरा साथ दिया। उन्होंने कहा कि मैं चाहता था कि मैं लोगों को जवाब दूं कि मैं ये कर सकता हूं और आज मैने ये कर दिखाया। ली ने लोगों को मैसेज देते हुए कहा कि- भले ही आप में कोई शारीरिक समस्या हो लेकिन अगर आप मेहनत करेंगे और अपने ऊपर भरोसा रखेंगे तो आप सफल जरूर होंगे।
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गेंद की स्पीड जज कर पाना होता है मुश्किलः ली की ये सफलता इस खेल के लिहाज से कितनी बड़ी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गेंद की स्पीड को जज करने के लिए उसकी आवाज का सुनना काफी जरूरी होता है। एंड्री मरे जैसे सरीखे खिलाड़ी बताते हैं कि आपका विपक्षी खिलाड़ी गेंद को कैसे हिट कर रहा है इसके लिए आवाज काफी मायने रखती है। इस आवाज के बिना अगर कोई इस तरह का प्रदर्शन करता है तो निश्चित रूप से उसमें कमाल की प्रतिभा छिपी है।


