क्रिकेट में अगर आपसे सबसे पसंदीदा अंपायर का नाम पूछा जाए तो अधिक संभावनाएं हैं कि आपके जेहन में सबसे पहले बिली बॉडेन का नाम आएगा। उनके डिसीजन देने के अंदाज का हर कोई कायल है। छक्के का इशारा करते हुए हाथ को धीरे-धीरे हवा में उठाना वहीं चौके के लिए हाथ के साथ पैरों को भी लहराना। इन सब के दम पर बिली बॉडेन ने आज सभी क्रिकेट फैंस के मन में अपने प्रति खास जगह बना ली है लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिली आखिर क्यों आउट का इशारा करते वक्त दाएं हाथ की अंगुली को हमेशा टेढ़ा रखते हैं? इसके पीछे एक बेहद खास वजह छिपी है, जिसके बारे में आज हम आपको बताते हैं।
11 अप्रैल 1963 को जन्मे न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज ब्रेंट फ्रासर बॉडेन 20 साल की उम्र तक अपनी बॉलिंग के चलते काफी मशहूर थे लेकिन कुछ समय बाद उन्हें अपने गठिया रोग से ग्रस्त होने के बारे में पता लगा। ऐसे में उन्हें ना चाहते हुए भी जल्द क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ा।
हालांकि बिली ने हार नहीं मानी और अंपायरिंग के जरिए इस खेल से जुड़े रहने का मन बना लिया लेकिन जब भी वो आउट देने के लिए अपनी अंगुली को उठाते तो गठिया की वजह से उन्हें काफी दर्द होता। ऐसे में बिली ने एक तरकीब निकाली। उन्होंने अंगुली को सीधा रखने के बजाय उसे टेढ़ा रखना ही शुरू कर दिया।
अक्सर आपने बिली को चौके-छक्के के इशारे के दौरान पैरों को भी मूव करते देखा होगा। इसके पीछे की वजह ये है कि इस वजह से उनके जोड़ों में तरलता आती है। ये एक तरह की एक्सरसाइज है। इसके चलते बिली बॉडेन को दर्द से राहत भी मिलती है।

