भारत की नंबर वन टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने ऑटोबायोग्राफी ‘Ace against Odds’ में शोएब मलिक से मुलाकात और फिर शादी के बारे में विस्तार से बताया है। किताब के अनुसार सानिया और मलिक साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया के होबार्ट शहर में मुलाकात के बाद करीब आए। इसके अनुसार सोनिया अपने पापा और ट्रेनर के साथ एक भारतीय रेस्टोरेंट में गए थे। कुछ देर बाद वहां पर शोएब भी आए। इस दौरान शोएब ने अगले दिन सानिया का मैच दिखाने की इच्छा जताई। इस पर सानिया ने उनके लिए टिकटों का इंतजाम किया। हालांकि सानिया और शोएब इपहले पहले कुछ साल पहले दिल्ली में एक जिम में मिल चुके थे।
अगले दिन शोएब मलिक अपने दोस्तों के साथ मैच देखने के लिए आए। मैच के बाद सानिया के पिता ने उन्हें डिनर पर बुलाया। ऑस्ट्रेलिया में अलग-अलग शहरों में मैचों के दौरान सानिया और शोएब संपर्क में रहे। सानिया ने बताया कि उन्हें शोएब की सादगी ने आकर्षित किया। धीरे-धीरे हमारी मुलाकात रोज होने लगी और महसूस किया कि हमारी अच्छी पटती है। दो महीने बाद शोएब ने शादी का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि कब होगी इससे फर्क नहीं पड़ता लेकिन वह मुझसे शादी करना चाहते हैं।
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शादी के कई महीनों बाद मैंने उनसे कहा, ‘सोचो अगर तूम उस दिन रेस्टोरेंट नहीं आते तो हम कभी नहीं मिले होते।’ उस समय उन्होंने कहा कि ऐसा केवल भाग्य के सहारे नहीं हुआ था बल्कि उनके दोस्त ने उन्हें बुलाया। दोस्त पहले से ही रेस्टोरेंट में मौजूद था। उसने कहा कि सानिया वहां खाना खा रही है। मैंने उसे पहले खाने के लिए मना कर दिया था लेकिन फोन आया तो मैं भागते हुए गया। मैं इस बार उनके नंबर लेने के लिए तत्पर था। हम अब भी इस बारे में मजाक करते हैं।
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शादी के बारे में सानिया ने लिखा कि इस मामले में वह थोड़ी रूढि़वादी हैं। लंबे समय तक डेट करते रहना मुश्किल था। साथ ही हमारे रिश्तों को छुपाकर रखना भी मुश्किल हो रहा था। इसलिए जब शादी का एलान किया तो सब चौंक गए। शोएब की राष्ट्रीयत को लेकर मुझे पता था। लेकिन टेनिस खेलने के दौरान कई तरह के लोगों से मुलाकात हुई। जिनके धर्म, जाति और पृष्ठभूमि अलग थी। एक खिलाड़ी के नाते धर्म, जाति और देश की सीमाएं मतलब नहीं रखती। शोएब जब शादी के लिए भारत आए तो उन्होंने खुद को छुपाकर रखा। लेकिन अपने बैग से ‘पाकिस्तान क्रिकेट टीम-शोएब मलिक’ का टैग निकालना भूल गए। जब मेरे चाचा ने यह टैग देखा तो वे बैग पर कूद पड़े ताकि कोई और न देख ले।
शोएब पर जब एक महिला ने शादी का झांसा देने का आरोप लगाया तो मामला बिगड़ गया। इसके बाद दोनों देशों की मीडिया हमारे रिश्तों को बहस करने लगा। दो सप्ताह तक लगातार मीडिया का पागलपन जारी रहा। हमारे घर के बाहर दो सौ पत्रकार कैमरा, माइक्रोफोन, पेन व फाइल के साथ जमे रहे। हमारे घर की लाइव रिपोर्टिंग होने लगी। पापा के पास एक रिश्तेदार का फोन आया। उन्होंने पूछा, ‘क्या सानिया ने हरी टी शर्ट पहन रखी है?’ पापा ने हां कहा तो उन्होंने बताया कि पर्दे करो, आपको लाइव दिखाया जा रहा है। इसके बाद 10 दिन तक मैंने सूरज की रोशनी नहीं देखी। यहां तक कि घर का छोटे से छोटा रोशनदान भी बंद कर दिया गया। मीडियाकर्मियों ने नमाज पढ़ने गए पापा का भी पीछा किया। नमाज पढ़ने के दौरान भी उनसे सवाल किए गए।
सार्वजनिक रूप से काफी कीचड़ उछाला गया। मीडिया के एक सेक्शन ने पूछा क्या शादी से पहले शोएब का हमारे घर में रहना ठीक है। क्या इस्लाम में इसकी अनुमति है। स्थिति बिगड़ने पर परिवार के कई लोगों ने शादी टालने की बात भी की। लेकिन शोएब ने कहा कि वे शादी करेंगे। इसके बाद 12 अप्रैल 2010 को शादी हुई। इस दौरान भी मीडिया ने मेरी कार का पीछा किया। मुझे होटल के सर्विस एरिया और किचन से अंदर ले जाया गया। शायद यह भी पहली बार हुआ होगा।