भारत की पूर्व महिला रेसलर साक्षी मलिक ने अपने जीवन पर एक किताब लिखी है जिसका नाम है ‘विटनेस’। इस किताब में उन्होंने अपने जीवन के संघर्ष की कहानी, ओलंपिक तक का सफर, रेसलिंग प्रोटेस्ट इन सारी बातों का जिक्र किया है। इस किताब की लांच से पहले उन्होंने आजतक से बातचीत की और काफी बातों का खुलासा किया।

साक्षी मलिक ने बताया कि पहले मेरा नाम सोफिया था और क्लास 5 तक मेरा यही नाम रहा, लेकिन एक दिन मेरे भाई ने अचानक से कहा कि इसका नाम सोफिया नहीं साक्षी रखेंगे और फिर मेरा नाम साक्षी रखा गया।

बबीता ने रखी थी रेसलिंग प्रोटेस्ट की नींव

साक्षी मलिक से पूछा गया कि आपने अपने किताब में बताया है कि रेसलिंग प्रोटेस्ट का आइडिया बबीता फोगाट का था जो बीजेपी की नेता उस वक्त भी थीं। इसका जवाब देते हुए साक्षी मलिक ने कहा कि इस प्रोटेस्ट से तीन-चार दिन पहले हमारी एक मीटिंग हुई थी (बुक में सबकुछ है)। एक दिन मेरे पास बबीता का फोन आया था और उसने कहा कि तू आएगी, तो मैंने कहा कि क्या है। तो उसने कहा कि तुझे मुझ पर भरोसा है तो मैंने जवाब दिया कि हां, मैं तेरे साथ 15-20 साल से हूं। फिर मैंने बजरंग पूनिया तो फोन किया तो उसने कहा कि मैं भी आ रहा हूं तु भी आजा।

यहां क्लिक कर पढ़ें साक्षी मलिक की किताब से जुड़ी अन्य खबरें

साक्षी ने आगे कहा कि जब हम वहां गए तब हमें पता लगा कि हम प्रोटेस्ट करने वाले हैं। इस प्रोटेस्ट की परमिशन बबीता और तीरथ राणा ने ली थी क्योंकि वो चाहते थे कि ब्रृजभूषण सिंह हटें और हममे से कोई वहां बैठ जाए। हम भी खुश थे कि फाइनली किसी ने स्टैंड लिया और लड़कियों के साथ जो इतने साल से होता आ रहा है और मैंने भी जैसे आवाज नहीं उठाई।

साक्षी मलिक ने बताया, …तो मुझे लगा कि मुझे जाना चाहिए। हमने सोचा कि हमारा नाम है और हम पहलवान 11 बजे बेठेंगे और एक बजे तक हमारी सुनवाई हो जाएगी और सबकुछ ठीक हो जाएगा। हमारा ये प्रोटेस्ट सिर्फ एक दिन का था, हमें वहां खाने से लेकर हर बात की दिक्कत थी। हमें लगा था कि वो हमारी नहीं सुनेंगे तो किसकी सुनेंगे।