भारत के लिए ओलंपिक पदक जीत चुकीं स्टार महिला पहलवान साक्षी मलिक और गीता फोगाट ने नई रेसलिंग लीग शुरू करने का ऐलान किया। इन दोनों महिला पहलवानों को अमन सेहरावत का साथ मिला जिन्होंने भारत के लिए ओलंपिक में मेडल जीता था। साक्षी और गीता का मानना है कि कुश्ती चैंपियंस सुपर लीग के जरिये रेसलर्स को और ज्यादा मौके मिलेंगे। हालांकि, इस लीग को लेकर WFI (रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष संजय सिंह ने साफतौर पर कहा कि हम इसका समर्थन बिल्कुल भी नहीं करेंगे।
साक्षी मलिक और गीता फोगाट की ओर से नई कुश्ती लीग शुरू करने को लेकर दिव्या काकरान ने अपनी प्रतिक्रिया दी। जनसत्ता.कॉम से बात करते हुए भारतीय महिला पहलवान दिव्या काकरान ने लीग की सफलता, उसमें हिस्सा लेने और संजय सिंह की प्रतिक्रिया को लेकर खुलकर बात की। दिव्या का साफतौर पर कहना है कि यह अच्छी शुरुआत है, लेकिन उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है।
साक्षी मलिक और गीता फोगाट के नई रेसलिंग लीग शुरू करने के ऐलान को आप किस तरह से देखती हैं। क्या लीग सफल हो पाएगी?
दिव्या ने कहा, भगवान करे कि यह सफल हो जाए क्योंकि कुश्ती के लिए यह एक अच्छी शुरुआत है। यह काफी अच्छी बात है कि दोनों ने इस तरह के लीग कराने का फैसला किया। कुश्ती की भलाई के लिए अगर कुछ भी होता है तो मैं इसके साथ हूं।
क्या आप एक खिलाड़ी के तौर पर साक्षी और गीता की इस लीग का हिस्सा बनना पसंद करेंगी?
गोल्डकोस्ट और बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट दिव्या काकरान ने कहा, ‘मुझे अगर इस लीग के लिए अप्रोच किया जाता है तो भी शामिल नहीं होऊंगी। पहले भी लीग हुई हैं। पहले भी प्रतियोगिताएं हुई हैं, लेकिन उन्होंने मुझे शामिल नहीं किया। मैं पहले से ही दरकिनार हूं। उन्हें लगता है कि मैंने उनके खिलाफ बोला। वे मुझे अपनी लीग में क्यों शामिल करेंगे। वे खुद ही चाहेंगे कि मैं इस लीग में नहीं खेल पाऊं। वैसे मैं इस लीग में खेलने को लेकर ज्यादा दिलचस्पी भी नहीं रखती। मैं अपनी आने वाले प्रतियोगिता पर ध्यान दे रही हूं।’
WFI अध्यक्ष संजय सिंह ने इस लीग को सपोर्ट करने से मना कर दिया है, आपका क्या कहना है?
दिव्या ने कहा, ‘जब साक्षी और दिव्या अपनी अलग रेसलिंग लीग बना रहे हैं तो इसमें फेडरेशन का क्या रोल हो सकता है, इसे समझने की जरूरत है। अगर इसमें कुछ बात होता तो फिर सारा ठीकरा फेडरेशन पर फोड़ा जा सकता है। हो सकता है इसी वजह से संजय सिंह इसे सपोर्ट करने से मना कर हों।’ हालांकि दिव्या ने इस पर ज्यादा रिएक्शन देने से मना कर दिया और कहा कि ये उनकी आपस की बात हो सकती तो इसमें मेरा कुछ कहना सही नहीं होगा।
इस रेसलिंग लीग को शुरू करने में साक्षी और दिव्या के सामने किस तरह की चुनौतियां सामने आ सकती हैं?
दिव्या ने कहा, ‘इस लीग की शुरुआत को लेकर मुझे अभी ज्यादा पता नहीं है कि किस बेस पर उन्होंने इसकी शुरुआत करने की योजना बनाई है। भारत में एक कुश्ती लीग पहले भी शुरू हुई थी, लेकिन वह बाद में बंद हो गई। अब साक्षी और गीता की इस लीग की शुरुआत किस स्तर पर होनी है, मुझे इसकी जानकारी फिलहाल नहीं है, लेकिन कुश्ती की भलाई के लिए वे ऐसा कर रहे हैं तो यह अच्छा है। वैसे राजनीति हर चीज में है और इस लीग में आपको हरियाणा के बच्चे ही ज्यादा नजर आएंगे, लेकिन कुश्ती की भलाई के लिए कुछ भी होता है तो यह मुझे व्यक्तिगत तौर पर पसंद है।’