रियो ओलंपिक में बहामस की एक महिला धावक ने 400-मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीता है। खास बात यह रही कि उन्होंने डाइव लगाकर फिनिश लाइन पार की। सोमवार को हुई इस स्पर्धा में अमेरिका की एलिसन फेलिक्स जीत की प्रबल दावेदार थीं, लेकिन उन्हें हैरान करते हुए शॉन मिलर ने यह रेस जीत ली। मिलर ने डाइव करते हुए सीमा रेखा को पार की, जो इस रेस का सबसे रोमांचक क्षण रहा।
रेस के दौरान शॉन मिलर काफी अच्छी शुरुआत की थी, मगर फिनिश लाइन तक आते-आते अमेरिका की एलिसन फेलिक्स उनके बराबर आ गई थीं। आखिरी समय में मिलर ने फिनिश लाइन पर छलांग लगा दी और यह इतनी नपी-तुली छलांग थी कि चंद फासले से वह रेस जीत गई। उन्होंने 49.44 सेकेंड में रेस पूरी की, जो दूसरे नंबर पर रही फेलिक्स से मात्र 0.06 सेकेंड कम थी। जमैका की शेरिका जैक्सन को इस स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल हुआ। उन्होंने इस रेस को पूरा करने में 49.85 सेकेंड का समय लिया।

जीत के बाद मिलर ने कहा, “मैने पहले ऐसा कभी नहीं किया। इससे मुझे चोट भी आई है। जब मैं मैदान पर गिरी तो मुझे नहीं पता था मै जीत गई हूं। मुझे अभी भी नहीं पता ये कैसे हो गया। मेरे दिमाग में बस एक ही बात थी कि मुझे गोल्ड मेडल जीतना है।” एक ओर जहां कुछ फैन्स इस तरह की जीत पर सवाल खड़े कर रहे हैं, वहीं नियम के मुताबिक जब कमर का ऊपरी हिस्सा लाइन पार कर जाए तभी रेस खत्म होती है। इसलिए इस तरह से रेस जीतने में कुछ भी गलत नहीं है। सोशल मीडिया पर जब मिलर के विरोध में सवाल उठने लगे तो कई एथलीट उनके सर्मथन में नजर आए।
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