Rio Paralympics 2016 में देवेंद्र झाझरिया ने गोल्ड जीतकर कमाल कर दिया। देंवेंद्र का ओलंपिक में यह दूसरा गोल्ड है। इससे पहले उन्होंने 2004 में हुए ऐथेंस ओलंपिक में भी गोल्ड मेडल जीता था। तब उन्होंने 62.15 मीटर दूर जेवलिन थ्रो किया था। इस बार उन्होंने 63.7 मीटर दूर जेवलिन फेंककर अपना ही पुराना रिकॉर्ड तोड़कर नया विश्व रिकॉर्ड भी बना दिया। इससे पहले उन्होंने 62.15 मीटर दूर जेवलिन थ्रो करके रिकॉर्ड बनाया हुआ था। यह इवेंट मंगलवार (13 सितंबर) को ओलंपिक स्टेडियम में हुआ था। देवेंद्र 36 साल के हैं। देवेंद्र का जन्म राजस्थान में हुआ है। उन्हें 2004 में अर्जुन पुरस्कार भी मिला था। वहीं 2012 में उन्हें पद्मश्री भी मिला। वह पहले पैराओलंपियन खिलाड़ी हैं जिन्हें पद्मश्री मिला है। इस वक्त वर्ल्ड रैंकिग में वह तीसरे स्थान पर हैं। देवेंद्र ने इंटरनेशनल पैराओलंपियन कमेटी (IPC) ऐथलेटिक्स वर्ल्ड चैंपियन्स में भी गोल्ड जीता था। जेवलिन थ्रो को 2008 और 2012 ओलंपिक में नहीं रखा गया था। इसलिए देवेंद्र भी दोनों ओलंपिक में भाग नहीं ले पाए थे। 2004 में हुए ओलंपिक में गोल्ड जीतने के बाद अब उन्होंने 12 साल बाद फिर से गोल्ड जीता है।

देवेंद्र का जन्म राजस्थान के चुरु जिले में एक साधारण परिवार में हुआ था। आठ साल की उम्र में एक पड़े पर चढ़ते समय उनका हाथ बिजली के तार से छू गया था जिसकी वजह से उन्हें अपना बायां हाथ खोना पड़ा। उनकी जिंदगी में बड़ा परिवर्तन 1995 में तब आया जब उन्होंने स्कूली पैरा-एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया। 1997 में स्कूली प्रतियोगिताओं में देवेंद्र के प्रदर्शन को देखकर उनके कोच रिपुदमन सिंह ने खेल को गंभीरता से लेने के लिए प्रोत्साहित किया। लेकिन देंवेंद्र ने फिर भी हार नहीं मानी। रियो पैराओलंपिक में अबतक भारत ने चार मेडल जीत लिए हैं। इसमें दो गोल्ड, एक सिल्वर और एक कांस्य पदक शामिल है।

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देखिए वह शानदार पल, जब देवेंद्र ने जेवलीन को जीत की दहलीज के पार पहुंचाया-