खेलमंत्री विजय गोयल ने उनके काफिले के खिलाफ आयोजन समिति द्वारा लगाए गए दुर्व्यवहार के आरोपों का खंडन करते हुए शुक्रवार (12 अगस्त) को कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। रियो ओलंपिक 2016 की आयोजन समिति की उपमहाद्वीपीय मैनेजर सारा पीटरसन ने गुरुवार (11 अगस्त) को भारत के दल प्रमुख राकेश गुप्ता को लिखे पत्र में बदसलूकी के कारण गोयल का मान्यता पत्र रद्द करने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि गोयल अपने काफिले के साथ आयोजन स्थलों में प्रवेश की कोशिश कर रहे थे जबकि उनके पास वैध पास भी नहीं थे।

गोयल ने कहा,‘मुझे नहीं पता कि किसने पत्र लिखा और उसका पद क्या है। दल प्रमुख को भेजे पत्र में कहा गया है कि हमारे स्टाफ के सदस्यों को लेकर बदसलूकी के कुछ मसले हैं। मुझे इसके बारे में नहीं पता और मेरे खिलाफ कुछ नहीं लिखा है। पत्र में खेलमंत्री के खिलाफ कुछ नहीं लिखा गया है।’ यह पूछने पर कि उन्होंने जबरन हॉकी एरिना में घुसने की कोशिश की, उन्होंने कहा,‘वॉलिंटियर उन्हें लेकर गए थे वरना वह कैसे जा पाते। मैं अपने आप नहीं गया था। अगली बार से मैं आयोजन समिति द्वारा दिया गया अपग्रेडेड पास लेकर जाऊंगा।’

गोयल ने कहा,‘मैं टीम की हौसलाअफजाई के लिए ही हॉकी पिच पर गया था। यह कोई अपराध नहीं है। हम यहां अपनी टीम की हौसलाअफजाई के लिए आए हैं। पहले उन्होंने पास मांगा और अगली बार मैं अपने पास के साथ गया था।’ गोयल ने कहा कि दल प्रमुख तक मामला ले जाने से पहले कुछ बातें मौखिक रूप से बता देनी चाहिए। उन्होंने कहा,‘उन्हें मौखिक रूप से बताना चाहिए था। हमें कुछ बताया नहीं गया और सीधे दल प्रमुख को लिख दिया। भाषा की बड़ी समस्या है। शायद उसकी वजह से गलतफहमी हो गई।’ गोयल ने कहा,‘खेलमंत्री के खिलाफ कुछ नहीं है और यदि स्टाफ के कारण कोई मसला है तो मुझे नहीं पता। यदि मुझे बताया जाएगा तो मैं कुछ कर सकूंगा।’