सानिया मिर्जा ने रविवार को रियो ओलंपिक की मिश्रित युगल स्पर्धा में अपने जोड़ीदार रोहन बोपन्ना के साथ मिली हार के कारणों को बयां करते समय अपने आंसुओं को छुपाने की भरपूर कोशिश कर रही थी और उनके पास इस बताने के लिये शब्द नहीं थे। सानिया और बोपन्ना की चौथी वरीय भारतीय जोड़ी कांस्य पदक के मुकाबले में लुसी हरादेका और रादेक स्टेपानेक की चेक गणराज्य की जोड़ी से 1 . 6 , 5 . 7 से हार गयी।  सानिया 29 वर्ष की हो चुकी है और अपने कैरियर में तीन बार कैरियर को खत्म करने वाली गंभीर चोटों से उबरी है, वह बखूबी जानती है कि यह उसका अंतिम ओलंपिक था और उसके पास ओलंपिक पदक जीतने का यह सर्वश्रेष्ठ मौका था।

आंखों में आंसू भरे सानिया ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह कठिन था। इसके बारे में अभी बात करना आसान नहीं है। हमें इसे स्वीकार करना होगा और आगे बढ़ना होगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं जानती, यह कठिन था। ओलंपिक चार साल में आता है। मैं नहीं जानती कि मैं चार साल बाद दोबारा टेनिस खेल पाऊंगी या नहीं। ’’