रियो ओलंपिक टीम से बाहर की गई रितु रानी ने हाकी इंडिया के चयनकर्ताओं पर उलटवार करते हुए उन पर लगाए गए खराब रवैए और फॉर्म के आरोपों को बेबुनियाद और झूठे बताया। भारतीय महिला हॉकी टीम ने रितु रानी की कप्तानी में 36 बरस बाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। उन्होंने कहा कि यह खबर मेरे लिए भी स्तब्ध करने वाली रही। फिटनेस या रवैए की कोई समस्या ही नहीं थी। मुझे कोई कारण नहीं बताया गया कि मुझे बाहर क्यों किया गया है।
उन्होंने कहा कि मैंने अभ्यास या शिविर नहीं छोड़ा। मैंने सगाई भी उस समय की जब शिविर में ब्रेक था। रितु को बाहर करने के बाद सुशीला चानू को कप्तान बनाया गया है। रितु ने कहा कि सरदार सिंह भी मैदान के बाहर मसलों से जूझ रहे हैं लेकिन हॉकी इंडिया ने उनका साथ दिया। सरदार को कप्तानी से हटाकर पीआर श्रीजेश को कप्तान बनाया गया है।
रितु ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि मुझे लगता है कि इतने साल हॉकी खेलना बेकार ही गया। मेरा मंगेतर भी काफी उदास है। सरदार सिंह भी निजी समस्याओं से जूझ रहा है। उसकी भी कप्तानी गई लेकिन वह टीम में है क्योंकि वह टीम में होने का हकदार है। मेरे साथ ऐसा सलूक क्यों किया गया। उसने कहा कि झूठे आरोप लगाना गलत है। मुझे नहीं लगता कि अब मैं टीवी पर हॉकी मैच देख सकूंगी।