भारतीय महिला हॉकी टीम का लचर प्रदर्शन बदस्तूर जारी रहा और अमेरिका ने उसे 30 से हराकर रियो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में प्रवेश के उसके रास्ते लगभग बंद कर दिए। 36 साल बाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की यह लगातार तीसरी हार है। पूल बी के इस मैच में अमेरिकी टीम पूरी तरह से भारत पर हावी रही। इस हार के साथ भारत निचली दो टीमों में से है जिसके चार मैचों में एक ही अंक है। छह टीमों में से शीर्ष चार क्वार्टर फाइनल में पहुंचेंगी। भारत को अब अंतिम आठ में पहुंचने की उम्मीद बनाए रखने के लिए 13 अगस्त को आखिरी पूल मैच में अपने से ऊंची रैंकिंग वाली अर्जेंटीना टीम को हराना होगा। फिट और तेज तर्रार अमेरिकी टीम ने मैच के दौरान लंबे समय तक गेंद पर नियंत्रण बनाये रखा जबकि भारतीयों ने आसानी से कब्जा छोड़ दिया। अमेरिका को नौ पेनल्टी कॉर्नर मिले जबकि भारत एक भी हासिल नहीं कर सका।
अमेरिकी टीम हालांकि एक भी पेनल्टी कॉर्नर पर गोल नहीं कर सकी और उसके तीनों गोल फील्ड गोल थे। कैथलीन बाम ने 14वें और 42वें मिनट में गोल किया जबकि मेलिसा गोंजालेस ने 52वें मिनट में गोल दागा। ऐसा लग रहा था कि पहले क्वार्टर में कोई गोल नहीं होगा लेकिन 14वें मिनट में भारत ने गोल गंवा दिया । कैथलीन के रिवर्स शाट पर भारतीय गोलकीपर सविता पूनिया गोल होने से नहीं रोक सकी। दूसरे क्वार्टर में अमेरिका को दो पेनल्टी कॉर्नर मिले। भारत ने दूसरे क्वार्टर में बेहतर प्रदर्शन किया और अमेरिका को गोल नहीं करने दिए। रानी रामपाल 20वें मिनट में गोल करने के करीब पहुंची जब उसकी रिवर्स हिट गोल के भीतर गई लेकिन बाद में पता चला कि गेंद प्रीति दुबे के पैर से लगकर गई थी जिससे भारतीय समर्थकों को निराशा हाथ लगी।
तीसरे क्वार्टर में भारतीयों ने आक्रमण की कोशिश की और रानी के नेतृत्व में अमेरिकी सर्कल पर हमले बोले। अमेरिका ने तीसरे क्वार्टर में बढ़त दुगुनी कर ली जब कैथलीन ने 42वें मिनट में अपना और मैच का दूसरा गोल किया। उसने रिवर्स फ्लिक पर गेंद भारतीय गोलकीपर सविता के पैर के बीच से निकाल दी। आखिरी क्वार्टर में भारतीय डिफेंस चरमरा गया और अमेरिकी टीम ने इसका पूरा फायदा उठाया। मेलिसा गोंजालेस ने 52वें मिनट में गोल करके बढ़त 3-0 की कर दी। अमेरिका को आखिरी क्वार्टर में तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले जिससे भारतीय डिफेंस काफी दबाव में आ गया था हालांकि इनमें से एक पर भी गोल नहीं हो सका।