भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच रोलेंट ओल्टमेंस ने शुक्रवार (22 जुलाई) को कहा कि आगामी रियो ओलंपिक में सीधे सेमीफाइनल की बजाय क्वार्टर फाइनल खेलने का नया प्रारूप सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि सभी छोटी टीमों के लिए अच्छा है। ओल्टमेंस ने साइ सेंटर पर कहा,‘यदि ग्रुप में अर्जेंटीना, जर्मनी और हॉलैंड जैसी टीमें है तो शीर्ष दो में जगह बनाना मुश्किल हो जाता है। क्वालीफाई करना नामुमकिन नहीं है लेकिन अब अगर आप शीर्ष चार में रहते हैं तो क्वार्टर फाइनल खेल सकते हैं।’ उन्होंने कहा,‘इस प्रारूप से भारत और बाकी सभी टीमों को क्वार्टर फाइनल में पहुंचने का आत्मविश्वास मिलेगा।’

इस बार अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने ओलंपिक में नया प्रारूप शुरू किया है। नए प्रारूप के तहत 12 टीमों को छह छह के दो पूल में बांटा गया है और हर टीम अपने पूल में राउंड रॉबिन मैच खेलेगी। इसके बाद शीर्ष चार चार टीमें क्वार्टर फाइनल में जाएंगी। हॉकी इंडिया ने रियो ओलंपिक से ठीक पहले सरदार सिंह की जगह गोलकीपर पी आर श्रीजेश को कप्तान बनाया है। इस फैसले के बारे में ओल्टमेंस ने कहा कि सरदार को कप्तानी के दबाव से मुक्त रखने के लिए यह फैसला किया गया। उन्होंने कहा,‘टीम में बेहतरीन तालमेल है। सरदार अब अपने खेल पर पूरा फोकस कर सकता है। हमारा लक्ष्य यही था कि दूसरे खिलाड़ियों को भी अधिक जिम्मेदारी दी जाए।’

ओल्टमेंस ने कहा, ‘सरदार, एस वी सुनील, वी आर रघुनाथ, मनप्रीत सिंह और श्रीजेश मिलकर कप्तानी का समूह बनाते हैं। यह सकारात्मक पहल है।’ भारतीय टीम में सात खिलाड़ी ऐसे हैं जो लंदन ओलंपिक खेल चुके हैं जबकि नौ खिलाड़ी पहली बार ओलंपिक में भाग लेंगे। भारत को अनुभवी डिफेंडर बीरेंद्र लाकड़ा की कमी खलेगी जो घुटने की चोट से उबर नहीं सके हैं। ओल्टमेंस ने कहा,‘मैं चाहता था कि लाकड़ा खेले लेकिन यह संभव नहीं था। वह भारत के सर्वश्रेष्ठ डिफेंडरों में से है लेकिन किसी भी टीम के लिए एक खिलाड़ी पर इतना निर्भर होना सही नहीं है। हमने अजलन शाह कप और चैम्पियंस ट्रॉफी उसके बिना खेला और उसकी जगह खेलने वालों ने अच्छा प्रदर्शन किया।’ भारतीय टीम शनिवार (23 जुलाई) को स्पेन के जरिए रियो रवाना होगी।