डोप परीक्षण में नाकाम रहने के कारण ओलंपिक खेल गांव से बाहर करने से हताश भारतीय पहलवान नरसिंह यादव को जब पता चला था कि खेल पंचाट (कैस) ने उन पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है तो वह बेहोश हो गए थे। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि नरसिंह तब बेहोश हो गए थे जब उन्हें स्वदेश में हुए डोपिंग मामले के कारण यहां प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया। डब्ल्यूएफआई अब भी नरसिंह का पूरा साथ दे रहा है। बृजभूषण ने कहा, ‘नरसिंह कल (शुक्रवार, 19 अगस्त) बेहोश हो गया था। आज ठीक है। हम किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहते हैं। हम केवल सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहे हैं। पूरी जांच के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा।’
नरसिंह पर अब डोप का दाग लग चुका है और इस पहलवान ने कसम खायी है कि वह अपनी इस जंग को प्रधानमंत्री कार्यालय तक ले जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मेरी तो बदनामी हुई। इससे पूरे देश पर भी काला धब्बा लग गया है। चाहे मुझे फांसी हो जाए मैं इसकी छानबीन करवाऊंगा। दिन रात एक कर दूंगा।’ नरसिंह ने दावा किया था कि सोनीपत में खेलों से पहले अभ्यास के दौरान उनके पेय पदार्थों या खाने में प्रतिबंधित दवा मिलाई गई। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने भी इस पर सहमति जतायी और उन्हें डोप के आरोपों से मुक्त करके खेलों में हिस्सा लेने की अनुमति दे दी थी।
नरसिंह ने फिर से दोहराया कि यदि गड़बड़ी किए जाने के साक्ष्य मजबूत होते तो वह आसानी से ओलंपिक में भाग ले सकते थे। उन्होंने कहा, ‘इसमें एक बड़ी लाबी शामिल है और उनके नामों का खुलासा होना चाहिए। यह देश के खेलों के भविष्य से जुड़ा है। मेरी कोई गलती नहीं थी लेकिन मैं इसका शिकार बन गया। ओलंपिक पदक जीतने की मेरी पिछले चार साल की कड़ी मेहनत बेकार चली गई।’ उन्होंने कहा कि इस तरह की राजनीति के कारण ही ओलंपिक में भारत की पदक की संभावनाएं समाप्त हो जाती है। नरसिंह ने कहा, ‘यदि मुझे न्याय नहीं मिलता है तो फिर खेलों को नुकसान होगा। इससे भारत की युवा पीढ़ी खेलों को अपनाने के प्रति हतोत्साहित होगी।’
नरसिंह को आज (शनिवार, 20 अगस्त) सुबह ओलंपिक गांव से बाहर कर दिया गया क्योंकि प्रतिबंध के कारण उनका मान्यता पत्र और प्रवेश रद्द कर दिया गया है। वह होटल में ठहरे हुए हैं जहां से वह नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे। नरसिंह ने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘इस पूरे मामले से से जुड़ी घटनाओं से साफ हो जाता है कि कौन इसमें शामिल है।’ इससे पहले भारत को एथेंस 2004 में भी डोपिंग के कारण बदनामी झेलनी पड़ी थी। तब महिला भारोत्तोलक सनामाचा चानू और प्रतिमा कुमारी को डोपिंग में पॉजीटिव पाए जाने के बाद खेल गांव से बाहर कर दिया गया था।