उसैन बोल्ट ने चार गुणा 400 मीटर में स्वर्ण पदक जीतकर रियो ओलंपिक खेलों में भी अजेय रहकर विदाई ली और इसके साथ खेल महाकुंभ में अपने ओवरऑल स्वर्ण पदकों की संख्या नौ पर पहुंचा दी। इससे पहले 100 और 200 मीटर के स्वर्ण पदक जीतने वाले बोल्ट ने जमैका की तरफ से सबसे आखिर में दौड़ लगाई और फिर टीम को सोने का तमगा दिलाया। जमैका की टीम ने 37.27 सेकेंड में यह रेस पूरी की। जापान ने उससे दशमलम 33 सेकेंड पीछे रहा और उसे रजत पदक मिला। अमेरिका तीसरे स्थान पर रहा लेकिन माइक रोजर्स ने जस्टिन गैटलिन को सही स्थान पर बैटन नहीं थमाई जिसके कारण उसकी टीम को डिसक्वालीफाई कर दिया गया और इससे कनाडा को कांस्य पदक मिल गया।

जमैका के लिए तो आज (शनिवार, 20 अगस्त) फिर पार्टी का दिन था। बोल्ट का ओलंपिक फाइनल का रिकॉर्ड अब इस तरह से है … नौ रेस, नौ जीत। इससे पहले कभी किसी ने ऐसा नहीं किया और आगे कोई ऐसा दिखता भी नहीं है जो ऐसा कर सके। बोल्ट के साथ ट्रैक पर उनकी आखिरी स्पर्धा में साथ देने के लिए निकेल एशमीडे, योहान ब्लैक और पूर्व विश्व रिकॉर्ड धारक असाफा पावेल उतरे थे। बोल्ट ने आखिरी दौड़ के लिए एशमीडे से बैटन ली और फिर ऐसी दौड़ लगायी कि जापान के असाका कैम्ब्रिज अ‍ैर अमेरिका के ट्रेवोन ब्रोमेल पीछे छूट गए। बोल्ट ने लाइन क्रॉस करते ही हवा में मुट्ठी भींची और जूते उतारे और फिर साथियों को गले लगाकर प्रार्थना की।