भारत और नीदरलैंड दोनों ने सतर्क शुरूआत की। भारत ने शुरुआती 15 मिनट में गेंद को अपने कब्जे में अधिक रखा लेकिन गोल करने का कोई मौका नहीं बना पाया।नीदरलैंड की टीम ने भी भारत के खेल को परखने में समय लिया लेकिन टीम धीरे धीरे दबाव बनाने लगी। नीदरलैंड के लिए गोल करने का पहला अच्छा मौका हर्ट्जबर्गर के पास पर बनाया लेकिन दोनों की मौकों पर भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने चपलता दिखाते हुए विरोधी टीम को गोल से महरूम रखा। अपना 100वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे एसके उथप्पा और एसवी सुनील ने दायें छोर से अच्छा मूव बनाया लेकिन नीदरलैंड के डिफेंस को नहीं भेद पाए। पहले दो क्वार्टर गोलरहित रहने के बाद नीदरलैंड ने 32वें मिनट में होफमैन के जरिये बढ़त बनाई जिन्होेंने पहले पेनल्टी कार्नर पर डेनी वान डेर मीरडन के शाट पर रिबाउंड पर गोल दागा।

भारत ने हालांकि छह मिनट के भीतर रघुनाथ के गोल के जरिये बराबरी हासिल की जिन्होंने लगातार दो पेनल्टी कार्नर में से दूसरे को गोल में बदला। क्वार्टर के अंतिम लम्हों में नौ खिलाड़ियों से खेलने के बावजूद भारत ने विरोधी टीम को गोल नहीं करने दिया। क्वार्टर में जब तीन मिनट से कुछ अधिक का समय बचा था तब सुनीलऔर रघुनाथ को अलग अलग घटनाओं में पीले कार्ड दिखाए गए। नीदरलैंड ने तीसरे क्वार्टर में भारत पर दबाव बनाया। टीम को जल्दी जल्दी तीन पेनल्टी कार्नर मिले। श्रीजेश ने दो प्रयासों को तो नाकाम किया लेकिन मिंक वान डेर मीरडन ने तीसरे पर गोल दागकर नीदरलैंड को 2-1 की बढ़त दिला दी। भारत को इसके बाद छह पेनल्टी कार्नर मिले जिसमें से पांच अंतिम सेकेंडों में मिले लेकिन टीम बराबरी हासिल नहीं कर पाई।

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