भारतीय तीरंदाजों की निगाहें पहले ओलंपिक पदक जीतने पर लगी हैं और इसलिए वे शुक्रवार को रियो ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे। भारतीय तीरंदाजी टीम के मुख्य कोच धर्मेंद्र तिवारी ने गुरुवार को कहा कि शुक्रवार को हमारा व्यस्त कार्यक्रम है और हम महत्त्वपूर्ण रैंकिंग राउंड में किसी तरह की ढिलाई नहीं चाहते हैं। हम इसे (उद्घाटन समारोह) को टीवी पर देखेंगे।

भारतीय तीरंदाज शुक्रवार से यहां शुरू होने वाले 31वें ओलंपिक खेलों में लंदन में खराब प्रदर्शन की भरपाई करना चाहेंगे। फुटबाल और तीरंदाजी ऐसे खेल हैं जो खेलों के अधिकारिक उद्घाटन समारोह से पहले शुरू हो जाएंगे। शुक्रवार को चार सदस्यीय भारतीय टीम ओलंपिक खेलों में चले आ रहे मिथक को तोड़ना चाहेगी कि शीर्ष स्तर पर भारतीय तीरंदाजों से ओलंपिक पदक हमेशा दूर ही रहा है, जिन्होंने लगभग हर उपलब्धि अपने नाम की है। इसमें युवा स्तर पर ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक भी शामिल है जो अतुल वर्मा ने 2014 में चीन के नानजिंग में जीता था।

भारतीय तीरंदाजों ने सोल 1988 में इस स्पर्धा की शुरुआत से ही ओलंपिक में भाग लिया है। केवल सिडनी (2000) में वे क्वालीफाई करने में विफल रहे थे। उन्होंने छह चरणों में भाग लिया है जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन महिला टीम द्वारा एथेंस (2004) और बेजिंग (2008) में क्वार्टरफाइनल में पहुंचना रहा। व्यक्तिगत वर्ग में सत्यदेव प्रसाद भारतीयों में सर्वश्रेष्ठ रहे, जो 12 साल पहले प्री क्वार्टरफाइनल में पहुंचे थे। उद्घाटन समारोह 78 हजार दर्शकों की क्षमता वाले मरकाना स्टेडियम में होगा जो तीरंदाजी स्थल सांबोड्रोमा से दो किमी दूर है।

तीन घंटे तक चलने वाला उद्घाटन समारोह शाम आठ बजे (भारतीय समयानुसार सुबह चार बजकर 30 मिनट) पर शुरू होगा। भारतीय टीम की परेड स्थानीय समयानुसार नौ बजकर 37 मिनट पर शुरू होगी और उसे 29 सेकेंड का समय दिया गया है। भारत के एकमात्र व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा अपने इस आखिरी ओलंपिक में भारतीय दल के ध्वजवाहक होंगे। भारतीय दल से पहले यमन और उसके बाद इंडोनेशिया की टीम आएगी।