भारतीय पहलवान नरसिंह यादव के ओलंपिक अभियान को मंगलवार (16 अगस्त) को बड़ा झटका लगा जब विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने स्वेदश में डोप प्रकरण में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा उन्हें क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ अपील की। भारतीय दल के मिशन प्रमुख राकेश गुप्ता ने बताया, ‘वाडा ने नाडा की क्लीनियरेंस के खिलाफ खेल पंचाट (कैस) में अपील की है। अब सुनवाई चल रही है और आईओए महासचिव (राजीव मेहता) वाडा के अधिकारियों के साथ हैं।’ नरसिंह को 19 अगस्त को अपना मुकाबला खेलना था लेकिन अब अगर खेल पंचाट वाडा की अपील को बरकरार रखता है तो उन्हें करियर समाप्त करने वाले चार साल के प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। नरसिंह को 25 जून को हुए परीक्षण में प्रतिबंधित एनाबोलिक स्टेरायड मेथेनडाइनोन के लिए पॉजीटिव पाया गया था। विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता नरसिंह ने दावा किया था कि वह विरोधी खेमे के षड्यंत्र का शिकार हुए हैं जिस दावे को नाडा ने अपील के बाद स्वीकार कर लिया था।

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नरसिंह ने आरोप लगाया था कि विरोधियों द्वारा उनके खाने का पीने की चीज में प्रतिबंधित पदार्थ मिलाया गया हो सकता है। भारतीय कुश्ती महासंघ ने भी इस विवाद में नरसिंह का पूरा समर्थन किया था। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार पर तरजीह दिए जाने के बाद से ही नरसिंह को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे पहले सुशील 74 किग्रा वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए ट्रायल की मांग को लेकर अदालत चले गए। अदालत और डब्ल्यूएफआई ने सुशील की मांग को खारिज कर दिया जिसके बाद नरसिंह डोपिंग में फंस गए। नरसिंह नाडा और डब्ल्यूएफआई के समर्थन से रियो जाने में सफल रहे लेकिन अगर वाडा की अपील को खेल पंचाट स्वीकार कर लेता है तो उनका करियर खत्म हो सकता है।

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