एशिया ओलंपिक क्वालीफायर्स के स्टेज 2 के फाइनल राउंड जीतते ही मौमा दास ने रियो ओलंपिक 2016 की तरफ कदम बढ़ा दिए। उज्बेकिस्तान की रिम्मा गु़्फ्रानोव को उन्होेंने हराया। इसके पहले वह 2004 के एथेंस ओलंपिक का भी हिस्सा रहीं थीं। साल 2013 में भारत सरकार ने उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा था।1997 में उन्होंने पहली बार 13 साल की उम्र में कामनवेल्थ चैंपियनशिप में भाग लिया। 2001 में नई दिल्ली के कामनवेल्थ खेलों में उन्हें कांस्य पदक मिला था। एथेंस ओलंपिक में मौमा दास ने सिंगल मुकाबले में भारत की अगुआई की थी। मेलबर्न 2006, कामनवेल्थ खेलों में वह स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। 2010 के दिल्ली कामनवेल्थ खेलों का भी हिस्सा रह चुकी हैं। विश्व टेबल टेनिस चैंपियनशिप में वह 13 बार भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।