लंबी दूरी की धाविका ललिता बाबर ने रियो ओलंपिक में महिलाओं की 3000 मीटर में शनिवार को राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाकर फाइनल के लिये क्वालीफाइ करके भारतीय एथलेटिक्स में एक नया इतिहास रच दिया है। इंचियोन एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली ललिता हीट दो में नौ मिनट 19 . 76 सेकेंड का समय निकालकर चौथे स्थान पर रही। वह ओवरआल सूची में सातवें स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बनाने में सफल रही। वह ट्रैक स्पर्धाओं में पीटी उच्च्षा के बाद फाइनल के लिये क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गयी हैं। इस 27 वर्षीय एथलीट ने सात सेकेंड के अंतर से अपनी साथी सुधा सिंह का राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ा जिन्होंने मई में शंघाई में नौ मिनट 26 . 76 सेकेंड का समय निकाला था। सुधा हीट तीन में नौ मिनट 43 . 29 सेकेंड का समय लेकर नौवें स्थान पर रही और इस तरह से क्वालीफाई करने से चूक गयी। वह 52 खिलाड़ियों के बीच कुल 30वें स्थान पर रही।
ललिता ने हीट दो में अच्छी शुरुआत की और बीच में गिरने के बावजूद वह आधी रेस तक बढ़त पर थी लेकिन 2500 मीटर के बाद उनकी गति धीमी पड़ गयी। कीनिया की बीटराइस चेपकोच, अमेरिका की एम्मा कोबर्न और ट्यूनीशिया की हबीबा घिरीबी उनसे आगे निकल गयी। ललिता काफी थकी हुई लग रही थी और शीर्ष तीन में जगह बनाने में नाकाम रही। प्रत्येक हीट से शीर्ष तीन में जगह बनाने वाली एथलीट स्वत: ही फाइनल में पहुंच जाती हैं लेकिन इसके बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली अगली छह एथलीटों को भी फाइनल में जगह मिलती है। ललिता का समय हीट तीन में शीर्ष तीन पर रही खिलाड़ियों से बेहतर था।