पहलवान नरसिंह यादव के ओलंपिक में खेलने को लेकर रहस्य और गहरा गया जब राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) ने फैसला सोमवार (1 अगस्त) तक के लिए टाल दिया। नाडा की सुनवाई शनिवार (31 जुलाई) को आठ घंटे तक चली। नाडा के डीजी नवीन अग्रवाल ने कहा कि पैनल ने कई दस्तावेजों का अध्ययन किया और फैसला सोमवार को सुनाएगी। उन्होंने कहा,‘पैनल आज (शनिवार, 31 जुलाई) फिर बैठी थी और पूरे मामले की समीक्षा की। पैनल का फैसला सोमवार को चार बजे आएगा।’ उन्होंने कहा,‘इस मैराथन बैठक और फैसले में विलंब का कारण यह है कि कई दस्तावेजों पर गौर करना है और दलीलें लंबी चली। हमें उम्मीद है कि न्याय होगा।’ भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी से इनकार कर दिया।
नरसिंह को प्रतिबंधित अनाबालिक स्टेरायड मेथानडिएनोन के सेवन का दोषी पाया गया था लेकिन उसने अपने खिलाफ साजिश का आरोप लगाया है। उसकी जगह रियो ओलंपिक की टीम में प्रवीण राणा को रखा गया है। इससे पहले दो दिन तक चली सुनवाई में नरसिंह और उसके वकीलों ने अपना पक्ष रखा। बुधवार (27 जुलाई) को दूसरे डोप टेस्ट में भी नाकाम पाए जाने के बाद नरसिंह की रियो जाने की उम्मीदों पर लगभग तुषारापात हो गया। साजिश को साबित करने के नरसिंह के अंतिम प्रयास भी नाकाम रहे क्योंकि एक जूनियर पहलवान को सोनीपत स्थित साइ सेंटर की मेस में नरसिंह के खाने में कुछ मिलाते देखने का दावा करने वाले दोनों रसोइयों ने नाडा की पैनल के सामने बयान बदल दिया।