महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार (22 अगस्त) को स्टीपलचेज एथलीट ललिता बाबर को सरकारी नौकरी देने की पेशकश की जो पीटी ऊषा के बाद ओलंपिक में ट्रैक स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय एथलीट बनी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने यहां ललिता को सम्मानित किया, उन्होंने कहा कि सतारा जिले की इस एथलीट को राज्य सरकार में एक नौकरी पेश की गयी है। फडनवीस और वरिष्ठ मंत्रियों ने भविष्य में उनकी सफलता की कामना की। सत्ताईस वर्षीय ललिता रियो ओलंपिक में पदक नहीं जीत सकी थी लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें काफी अनुभव प्राप्त हुआ है। ललिता ने कहा, ‘अब मेरी निगाहें 2020 तोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने पर लगी है।’
इस एथलीट ने कहा, ‘मैं खुश हूं कि पीटी ऊषा के बाद एक और भारतीय एथलीट और वो भी महाराष्ट्र की, ओलंपिक फाइनल में पहुंचने में सफल रही।’ इस बीच सतारा जिले के तमाशा (लोक नृतक) कलाकारों ने कहा कि वे ललिता को ओलंपिक फाइनल में पहुंचने के लिये एक लाख रुपए देंगे। शनिवार (20 अगस्त) को हरियाणा सरकार ने ललिता के लिए 15 लाख रुपए के नकद पुरस्कार की घोषणा की थी।