भारतीय महिला हॉकी टीम पूल बी के अपने तीसरे मैच में आज ऑस्ट्रेलिया के सामने हैं। इससे पहले मैच में भारतीय टीम को ग्रेट ब्रिटेन के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था। वहीं अपने पहले मैच में भारतीय टीम ने जापान के साथ ड्रॉ खेला था। अगर भारतीय महिला टीम को क्वार्टरफाइनल के दौड़ में बने रहना है तो हर हाल में आज का मैच जीतना होगा। अगर भारतीय महिला हॉकी टीम आज का मैच हार जाती है तो वो अगले राउंड में जाने की रेस से पूरी तरह बाहर हो जाएगी। महिला टीम ने पिछले साल जून में विश्व लीग सेमीफाइनल के क्लासिफिकेशन मैच में जापान को हराकर पांचवां स्थान हासिल किया था जिससे वह 1980 के मास्को ओलंपिक के बाद पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में सफल रही। ऑस्ट्रेलियाई नील हागुड जैसे अनुभवी कोच की निगरानी में भारतीय टीम को अच्छी शुरुआत की उम्मीद है।
भारतीय महिला हॉकी टीम एशियाई खेलों में कांस्य और एशियाई चैंपियनशिप 2012 में रजत पदक जीत चुकी है। कोच हागुड अपने दूसरे कार्यकाल में उस सफलता को दोहराना चाहेंगे। पिछले साल नवंबर में दूसरी बार टीम से जुड़ने वाले हागुड ने कहा, ‘दूसरा कार्यकाल भी पहले जैसा ही है। टीम को अगले स्तर पर ले जाना महत्वपूर्ण है। हमारा लक्ष्य बहुत सरल है। पहले अंतिम आठ में जगह बनाना और उसके बाद तो यह दो मैच जीतने का सवाल हो जाता है।’
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