ओपी जैशा और कविता राउत रविवार (14 अगस्त) को यहां ओलंपिक खेलों की महिला मैराथन स्पर्धा में 150 एथलीटों में काफी पीछे रहीं, जिन्हें भारत की सर्वश्रेष्ठ लंबी दूरी की धावक माना जा रहा था। दोनों एशियाई खेलों में पदक जीत चुकी हैं। राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी जैशा दोहा 2006 और इंचियोन 2014 एशियाड में क्रमश: 5,000 मीटर और 1,500 मीटर में कांस्य पदक जीत चुकी हैं। वह 42.1 किमी की रेस में दो घंटे, 47 मिनट 10 सेकेंड का समय लेकर 89वें स्थान पर रही। केरल में जन्मीं 33 वर्षीय धाविका जैशा स्वर्ण पदक जीतने वाली कीनिया की जेमिमा जेलेगाट सुमगोंग (दो घंटे, 24 मिनट 04 सेकेंड) से 23 मिनट पीछे रही।
आधी मैराथन में वह शीर्ष पर चल रही एथलीट से साढ़े तीन मिनट से पिछड़ रही थी लेकिन इसके बाद उसकी रफ्तार काफी धीमी हो गयी और वह शुरू की तेजी को कायम नहीं रख सकी। वह 30 किमी के बाद 67वें स्थान पर थी लेकिन दो किमी के बाद 87वें स्थान पर खिसक गयी। जैशा का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ दो घंटे 34 मिनट 43 सेकेंड का है जो उसने पिछले साल बीजिंग में विश्व चैम्पियनशिप में हासिल किया था जिसमें वह ओवरऑल 18वें स्थान पर रही थी। जैशा का सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दो घंटे 42 मिनट 26 सेकेंड के समय का है।
कविता ने छह साल पहले ग्वांग्झू एशियाई खेलों में 5000 मीटर और 10,000 मीटर में पदक जीते थे, वह जैशा से भी काफी पीछे 120वें स्थान पर रही। उसने दो घंटे 59 मिनट 29 सेकेंड का समय लिया। महाराष्ट्र की 31 वर्षीय एथलीट कीनिया की चैम्पियन से 35 मिनट पीछे रही। कविता ने काफी धीमी शुरुआत की और पहले 30 किमी में उसने दो घंटे दो मिनट 24 सेकेंड का समय लिया और वह उस समय 122वें स्थान पर थी। 40 किमी के बाद उसने दो स्थान का सुधार किया।
बहरीन की यूनिस जेपकीरूई किरवा (दो घंटे 24 मिनट 13 सेकेंड) ने रजत पदक जबकि इथियोपिया की मारे दिबाबा (दो घंटे 24 मिनट 30 सेकेंड) ने कांस्य पदक अपने नाम किया। इसमें से 23 एथलीट रेस पूरी नहीं कर सकीं।