रियो ओलंपिक में भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त 65 किलो वर्ग फ्री-स्टाइल के क्वालिफाई मुकाबले में मंगोलिया के गंजोरिगीन मंदाखनारन से 3-0 से हार गए हैं। इसके साथ ही ओलंपिक में भारत के लिए मेडल हासिल करने की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई। हालांकि रेपचेज के तौर पर अब भी योगेश्वर के पास एक मौका है, लेकिन उसके लिए उन्हें मंगोलियन पहलवान गंजोरिगीन की किस्मत पर निर्भर रहना होगा। यदि गंजोरिगीन अपने सभी मुकाबले जीतकर फाइनल में जगह बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो योगेश्वर को एक और मौका दिया जाएगा। योगेश्वर ने 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था।

इससे पहले साक्षी मलिक के ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनने के एक दिन बाद एक बार फिर भारतीय पहलवानों पर डोपिंग का साया मंडराने लगा थी जब प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पॉजीटिव पाए गए नरसिंह को चार साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया। नरसिंह को खेल पंचाट (कैस) ने डोप टेस्ट में विफल रहने के लिए प्रतिबंधित किया है। नाडा ने नरसिंह को क्लीनचिट दी थी लेकिन वाडा ने खेल पंचाट में इसे चुनौती दे दी थी।

समाचार एजंसी एएनआई ने ट्वीट किया, 65 किलोग्राम पुरुष वर्ग फ्री-स्टाइल प्रतियोगिता में मंगोलिया के गंजोरिगीन मंदाखनारन के ख़िलाफ़ भारत के योगेश्वर दत्त मुकाबला हार गए हैं।  हालांकि हार के बावजूद तेजतर्रार मुक्केबाज विजेन्दर सिंह उनके समर्थन में खड़े नज़र आए। उन्होंने लिखा, ‘योगेश्वर दत्त आप हमारे हीरो हैं। कभी आप जीतते हैं और कभी आप सीखते हैं।’