राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व स्वर्ण पदकधारी मनोज कुमार (64 किग्रा) ने रविवार को ओलंपिक खेलों की प्री क्वार्टरफाइनल बाउट में बेहतरीन प्रदर्शन किया लेकिन वह पांचवें वरीय उज्बेकिस्तान के फजलीद्दीन गैबनाजारोव के मजबूत पंच की बराबरी नहीं कर सके। यह 29 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज इस बाउट में 0 . 3 से हार गया। 25 साल के गैबनाजारोव विश्व और एशियाई चैम्पियनिशप के रजत पदकधारी हैं, वह भारतीय मुक्केबाज से कहीं बेहतर थे लेकिन मनोज ने अपने हार नहीं मानने के जज्बे से सभी को प्रभावित किया। शुरुआती राउंड में मनोज ने अपने प्रतिद्वंद्वी को दूरी पर ही रखा और उसे सही शाट नहीं लगाने दिया। यह रणनीति इस उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज को परेशान करने के काफी थी और गैबनाजारोव ने अंतिम सेकेंड में बायें हाथ के दो सटीक पंच लगाकर इस राउंड को अपने नाम कर लिया।

दूसरे राउंड में उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज ने अपने बायें हाथ के मजबूत पंच पर निर्भरता जारी रखी। मनोज अपनी ऊँचाई का सही इस्तेमाल नहीं कर सके लेकिन विपक्षी मुक्केबाज के ताकतवर पंच से हिल गये। लेकिन गैबनाजारोव से ताकतवर पंच खाने के बावजूद मनोज में ऊर्जा कमी नहीं दिखी।  अंतिम राउंड में हरियाणा का मुक्केबाज काफी आक्रामक दिखा लेकिन गैबनाजारोव के फुटवर्क और शानदार संतुलन ने उसे मौका नहीं दिया। गैबनाजारोव सभी जजों के फैसले में विजेता रहे लेकिन अंत में उसने खेल भावना का शानदार नमूना पेश करते हुए मनोज को गले लगाया और उसके प्रयासों की प्रशंसा की।  मनोज और शुरूआती राउंड में हारने वाले शिव थापा :56 किग्रा: अपनी स्पर्धाओं से बाहर हो चुके हैं, जिससे भारतीय मुक्केबाजी की चुनौती अब विकास कृष्ण :75 किग्रा: के कंधों पर है। विकास कल अपनी क्वार्टरफाइनल बाउट खेलेंगे।