भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी दो मैचों की टी20 सीरीज का पहला मैच विशाखापट्टनम में खेला गया। इस मैच में खराब बल्लेबाजी के चलते भारत को ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट से हार दिया। हालांकि भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की शानदार गेंदबाजी के चलते ये मैच आखिरी गेंद तक गया। बल्लेबाजों में केएल राहुल ने शानदार अर्धशतकीय पारी खेली, लेकिन बाकी भारतीय बल्लेबाज नाकाम रहे। कप्तान विराट कोहली और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के अलावा कोई भी बल्लेबाज दहाई के आंकड़े को नहीं छू पाया। जिसके चलते भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट खोकर मात्र 126 रन बनाए। भारतीय पारी के दौरान जब लोकेश राहुल बल्लेबाजी कर रहे थे तब ऐसा लग रहा था कि भारत ऑस्ट्रेलिया के सामने 160 से 180 के बीच का लक्ष्य रखेगा लेकिन स्लॉग ओवर्स में विकेट गंवाने और धोनी की बेहद धीमी बल्लेबाजी के चलते भारत महज 126 तक ही पहुंच सका।
पांच गेंद के अंदर दो विकेट खोने के बाद भारत का स्कोर 90/5 था और भारतीय बल्लेबाजी का निचला-क्रम कमज़ोर था इसीलिए शायद धोनी ने आधा दर्जन से ज्यादा बार सिंगल लेने से इनकार कर दिया। यहां धोनी को सावधानी से खेलने की जरुरत थी। डेथ ओवरों के दौरान ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज सधी हुई गेंदबाजी कर रहे थे। उन्होंने धोनी को लम्बा शॉट खेलने के लिए बिलकुल रूम नहीं दिया न ही फुलटॉस गेंद डाली। स्लॉग ओवर में धोनी के साथ दूसरी तरफ उमेश यादव थे। जिसके चलते धोनी ने शुरुआत में बड़े शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद को कनेक्ट नहीं कर पाने के बाद सिंगल्स से काम चलाना शुरू किया। उमेश ने भी बचते-बचाते कुछ सिंगल्स लिए, लेकिन ज्यादा देर मैदान पर ठहर नहीं सके।
उमेश के आउट होने के बाद धोनी ने पूरी तरह से बल्लेबाजी की जिम्मेदारी उठाने का फैसला किया। 18वां ओवर फेंकने आए रिचर्ड्सन पर धोनी की बड़े शॉट्स खेलने की कोशिश नाकाम रही और अंत में उन्होंने चौथी गेंद पर एक रन लेकर युजवेंद्र चहल को स्ट्राइक दी। 19वें ओवर में भी स्ट्राइक पर धोनी थे। कमिंस की दूसरी गेंद पर दो रन लेने के बाद 5वीं गेंद पर उन्हें एक रन से संतोष करना पड़ा। धोनी के गेंद को बल्ले से कनेक्ट नहीं कर पाने का सबसे बड़ा कारण उनका बैलेंस था। वे क्रीज पर असंतुलित नजर आ रहे थे। पहले धोनी डेथ ओवरों में अच्छे संतुलित के साथ ये सभी शॉट्स अच्छी तरह से खेलते थे। लेकिन रविवार को वो बात उनकी बल्लेबाजी में नहीं दिखी। रविवार को उनकी आंखें गेंद पर नहीं थीं। बैकफुट शॉट भी सही ढंग से नहीं लग रहे थे। बल्ले का स्विंग भी पहले की तरह नहीं था। अपनी इस धीमी पारी के साथ धोनी ने अपने नाम एक शर्मनाक रिकॉर्ड भी कर लिया है। धोनी टी20 क्रिकेट में 35 गेंद से अधिक खेलने के बाद दूसरी सबसे धीमी पारी खेलने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। धोनी ने इस मैच में 37 गेंदों पर मात्र 29 रन बनाए थे। वहीं धोनी से धीमी पारी रविंद्र जडेजा ने 2009 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स स्टेडियम में खेली थी। इस पारी में जडेजा ने 35 गेंद पर 25 रन बनाए थे।